Mandar Parvat: 10 फरवरी को तय हो जाएगा, कौन सी कंपनी को मिला मंदार पर्वत कोल ब्लाक
Bihar बिहार के पहले कोल ब्लॉक के खनन की मंजूरी 10 फरवरी को मिल जाएगी। इस दिन यह तय हो जाएगा कि कौन सी कंपनी मंदार पर्वत कोल ब्लॉक का खनन करेगी। कोयला खनन को लेकर इस साल भू-अर्जन का कार्य शुरू हो जाएगा।
भागलपुर, जागरण संवाददाता: बिहार के पहले कोल ब्लॉक के खनन की मंजूरी 10 फरवरी को मिल जाएगी। इस दिन यह तय हो जाएगा कि कौन सी कंपनी मंदार पर्वत कोल ब्लॉक का खनन करेगी। कंपनी तय करने के लिए 23 जनवरी को टेक्निकल बिड खुलेगी। टेक्निकल बिड खुलने के बाद चयनित कंपनी फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लेगी। छह फरवरी को फाइनेंशियल बिड खुलेगी। इसमें चयनित कंपनी को 10 फरवरी को खनन की जिम्मेदारी दे दी जाएगी।
कंपनी को 50 वर्षों के लिए कोयला खनन की लीज दी जाएगी। ई-ऑप्शन में देश-विदेश की कंपनियां भाग ले रही हैं। ई-आप्शन की जिम्मेदारी मैटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड को मिला है। जिले के पीरपैंती व कहलगांव प्रखंड के 13 गांव के नीचे कोयला मिला है। कोयला मंत्रालय ने उत्खनन की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा गोड्डा जिले के महगामा प्रखंड के सीमावर्ती गांवों में कोयला मिला है। मंदार पर्वत कोल ब्लॉक को रामहल कोल्ड फील्ड में शामिल किया गया है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल से कोयला खनन का काम शुरू हो जाएगा।
भू-वैज्ञानिकों ने खोजा था ‘काला सोना’
भू-वैज्ञानिकों की टीम 2012 में पीरपैंती प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे कर रही थी। सर्वे के दौरान भू-वैज्ञानिकों ने पीरपैंती व कहलगांव में पर्याप्त मात्रा में कोयला होने की आशंका जताई थी। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर 2018 में बीसीसीएल धनवाद व सीएमपीडीआइ की संयुक्त टीम ने पीरपैंती पहुंचकर जांच की थी। बीसीसीएल के महाप्रबंधक सोमेन चटर्जी, योजना विभाग के निदेशक आनंदजी प्रसाद, प्लानिंग पदाधिकारी नीरज कुमार, भू-वैज्ञानिक सुभाष सुरेश ने पीरपैंती के तत्कालीन नागेंद्र कुमार से मिलकर मास्टर मैप सौंपकर जमीन से संबंधित पूरी जानकारी मांगी थी। पूरी जानकारी मिलने के बाद कोयला मंत्रालय को सौंपा गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि कहलगांव व पीरपैंती इलाके में जी-3 से लेकर जी-14 तक की क्वालिटी का कोयला मौजूद है। जी-9 से जी-13 किस्म का कोयला सबसे कमजोर माना जाता है, जो पावर प्लांट के लिए उपयुक्त है। कोयला खनन के बाद कहलगांव एनटीपीसी, फरक्का, बाढ़ बिजली घरों में कम खर्च में कोयले की आपूर्ति हो सकेगी।
17.5 मिलियन टन हर वर्ष निकलेगा कोयला
भलुआ सुजान, लगमा, करहरा बासुदेवपुर मिलिक, जेठियाना, विशनपुर, रतनपुर दोम, मझगावा, जगरनाथपुर मिलिक, सिमिरया, कैरिया मिलिक, कैरिया, जंगल गोपाली सियान गांव के अंदर मिले कोयले के भंडार से हर साल 17.5 मिलियन टन कोयला निकाला जाएगा। 90 मीटर के बेस से खान विकसित होने के बाद उत्खनन होगा। खनन को लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। पीरपैंती में कोयले का भंडार करीब 340.35 मिलियन टन है। यह 78 से 90 मीटर के बेस में है। इसके उपर मिट्टी की मोटी परत है। यह दस सीमांत में बंटा है। सबसे ज्यादा कोयले का भंडारण सीमांत-2 में है। यहां कोयले का 13.14 से 72.90 मीटर थीकनेस रेंज है, जो 81.42 से 142.50 मीटर बेस में है।
यहां सबसे अधिक कोयले का भंडारण 144.622 मिलियन टन है। कोयला खनन को लेकर इस साल भू-अर्जन का कार्य शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भू-अर्जन की प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के निर्देश पर भू-अर्जन विभाग भू-अर्जन की प्रक्रिया अपनाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। भू-अर्जन के दौरान रैयतों को मुआवजा का भुगतान होगा।