Move to Jagran APP

पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोग

नगर निगम का वार्ड संख्या 17 कहने को तो यह शहरी क्षेत्र का हिस्सा है लेकिन सुविधाएं ग्रामीण इलाकों से भी बदतर है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:14 AM (IST)
पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोग
पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोग

भागलपुर। नगर निगम का वार्ड संख्या 17, कहने को तो यह शहरी क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन सुविधाएं ग्रामीण इलाकों से भी बदतर है। सड़क पर पसरे कूड़े और बजबजाती नालियां इस वार्ड की पहचान बन गई है।

loksabha election banner

वैसे तो यहां समस्याओं का अंबार है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है। आवास योजना भी यहां दम तोड़ते नजर आ रही है। पोल पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाए गए हैं। रात होते ही गलियों में अंधेरा पसर जाता है। छह माह से खराब पड़े 16 एलईडी लाइट को भी नहीं बदला गया है। बोरिग रहते घरों तक नहीं पहुंचता है पानी

वार्ड की 10 हजार आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। कहने को तो वार्ड 17 में दो बोरिग है, लेकिन इससे वार्ड 18 में पानी की आपूर्ति होती है। किलाघाट मजार परिसर में 2006 में बोरिग कराई गई थी, लेकिन अब उससे पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। पांच प्याऊ में से तीन खराब हैं। दो से लोगों की प्यास बूझ रही है। तीन चापाकल खराब हैं, जिसकी मरम्मत नहीं कराई गई हैं। लाल खां दरगाह लेन, कुलदीप नारायण लेन, पुरानी सराय व राइन टोला में एक दशक पहले जलापूर्ति पाइप बिछाई गई थी, लेकिन अब तक इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। कालीबाड़ी, गोलाघाट आदि लेन में जलापूर्ति पाइप अब तक नहीं बिछाई गई है। बदहाल है सड़क और ड्रेनेज सिस्टम

चार दशक पुरानी ड्रेनेज सिस्टम अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। सराय चौक से विश्वविद्यालय चौक तक नाला का निर्माण नहीं हुआ है। बारिश के मौसम में नाली का पानी घरों में घुस जाता है। वार्ड की मुख्य सड़क जर्जर हो चुकी है। इसमें किलाघाट मार्ग, गोलाघाट और कोबीबाड़ी की सड़कें शामिल हैं। नहीं मिला आवास, टेंट में बीत रही रात

पक्के घर की उम्मीद में लोगों ने अपनी झोपड़ी तो उजाड़ दी, लेकिन अब तक उनके सपने साकार नहीं हुए। लोग खुले आसमान के नीचे या टेंट में रात गुजारने को मजबूर हैं। दरअसल, यहां लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का काम शुरू करने का आदेश मिले लगभग छह माह दिया गया था, लेकिन अब तक प्रथम किस्त की राशि का भी भुगतान नहीं हो सका है। जावेद और आलम ने बताया कि कर्ज लेकर उनलोगों ने मकान का काम शुरू किया था। पैसे के अभाव में काम को बंद करना पड़ा। सफाई संसाधन का अभाव

मुस्लिम समाज के आस्था का केंद्र किलाघाट मजार परिसर में कूड़े का अंबार है। वार्ड में नियमित रूप से कूड़े का उठाव नहीं हो रहा है। प्याऊ के पास भी कूड़े का ढेर लगा रहता है। तीन दर्जन से अधिक गलियों वाले वार्ड में सफाई संसाधन का अभाव है। घाट निर्माण पर नहीं लिया संज्ञान:

किलाघाट से दुधिया मंदिर के बीच चंपा नदी तक छठ घाट के निर्माण का प्रस्ताव नगर निगम को दिया गया है। पार्षद ने कहा कि कई बार इस मुद्दे को निगम बोर्ड और स्थायी समिति में उठाया गया है, इसके बाद भी अब तक नहीं बना। किलाघाट से श्ाकरपुर चौवनियां के बीच लोग वर्षो से पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं। लोगों की राय

1. आवास योजना की राशि नहीं मिलने से हमलोग बेघर हो गए हैं। निगम के कहने पर कर्ज लेकर घर बनाने का काम शुरू किया था, लेकिन अब तक पहली किस्त की भी राशि नहीं मिली है। - जावेद 2.आवास योजना की पहली किस्त की राशि के लिए चार माह से निगम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। हम लोगों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

- आलम 3. किलाघाट की गलियों की सफाई नहीं कराई जाती है। कूड़े का उठाव नहीं होने से लोगों को गंदगी के बीच गुजर-बसर करना पड़ रहा है। निगम को हमारी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। - मेराजुल

4. अधिकांश नाले जाम हैं। खुले नाले में गिरकर लोग घायल हो रहे हैं। जल निकासी नहीं होने से बारिश होने के बाद नाली का पानी सड़क पर बहने लगता है, कभी कभी घरों में भी घुस जाता है। - आशिफ 5. कमरुद्दीन लेन में सड़क और नाला का निर्माण नहीं कराया गया है। लोगों को नाले के गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। इस दिशा में पहल होना चाहिए। - तबारक अंसारी

6. यहां लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। निगम को यहां बोरिग कराना चाहिए। इससे काफी हद तक समस्या का निदान होगा। कूड़े का भी यहां नियमित रूप से उठाव नहीं हो रहा है। - मुश्ताक

------------

पार्षद बोले, छह माह से झाड़ू तक नहीं मिला है निगम से

कूड़े के उठाव के लिए दिए गए पांच में से तीन ठेला खराब है। छह माह से पार्षद को झाड़ू तक नहीं मिला है। आठ माह से नाले की उड़ाही नहीं हुई है। किलाघाट के सुंदरीकरण के प्रस्ताव को निगम ने लंबित रखा है। जलापूर्ति का भी समाधान नहंी हुआ है। निगम के अधिकारी पार्षदों की मांग पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

- अशोक पटेल, वार्ड 17


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.