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किसानों को समयपूर्व मिलेगी मौसम की जानकारी, सहरसा की सभी पंचायतों में स्थापित हो रहा वर्षा मापक यंत्र

किसानों को समय पूर्व मौसम संबंधित जानकारी उपलब्‍ध होगी। इसके लिए पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगाए जा रहे हैं। समय पूर्व मौसम संबंधित जानकारी मिल जाने से किसान उसी अनुरूप खेतों की सिंचाई फसल की कटाई आदि का कार्य करेंगे।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 11:54 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 11:54 AM (IST)
किसानों को समयपूर्व मिलेगी मौसम की जानकारी, सहरसा की सभी पंचायतों में स्थापित हो रहा वर्षा मापक यंत्र
किसानों को समय पूर्व मौसम संबंधित जानकारी उपलब्‍ध होगी।

संस, सहरसा। गत वर्ष यास तूफान के कारण कोसी क्षेत्र में तैयार फसल की बड़ी बर्बादी हुई। हर वर्ष अतिवृष्टि, बाढ़- सुखाड़ व ओलावृष्टि से इस इलाके के किसानों के फसल की क्षति होती है। कई बार दरवाजे पर रखा तैयार अनाज की भी बेमौसम बारिश अथवा तूफान के कारण नष्ट हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए सांख्यिकी विभाग ने प्रखंड स्तर पर स्वचालित मौसम केंद्र और पंचायत स्तर पर वर्षा मापक केंद्र स्थापित करने का काम तेज कर दिया है। इस वर्ष पूरे जिले में यह कार्य करने लगेगा। प्रखंड स्तर से एसएमएस के जरिए किसानों को यह जानकारी दी जाएगी और इससे पूर्व बचाव के लिए किसानों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

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किन- किन चीजों की मिलेगी जानकारी

स्वचालित मौसम केन्द्र के माध्यम से मौसम का तापमान, वर्षापात, हवा की दिशा, सापेक्षिक आद्रता, वायुमंडलीय दबाव, सौर विकिरण आदि की समय पूर्व जानकारी प्राप्त होगी। इस जानकारी को मौसम विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों व किसानों को शेयर करेगा। इसकी सूचना किसान सलाहकारों व किसानों को एसएमएस के जरिए दी जाएगी, ताकि उसके अनुरूप फसल को बचाने के लिए संभव प्रयास किया जा सके।

सभी पंचायतों में लगेगा वर्षा मापक यंत्र

जहां जिले के सभी दस प्रखंड मुख्यालयों में स्वचालित मौसम केन्द्र स्थापित होगा, वहीं जिले के सभी 151 पंचायत में वर्षा मापक यंत्र स्थापित होगा। इसमें दस पंचायत को नगर पंचायत का रूप ले चुका है, वहां भी यह यंत्र लगाया जाएगा। जिले के लगभग एक सौ पंचायत में इसके लिए कार्य प्रारंभ हो गया है। वर्षा मापक यंत्र के प्राप्त आनुपातिक रिपोर्ट के आधार पर सरकार उस इलाके के लिए कृषि नीति तैयार करेगी। वर्षा मापक यंत्र स्थापित किए जाने के पंचायतों से जमीन की मांग की गई है।

इसे निजी जमीन पर भी स्थापित किया जा सकता है। कुछ पंचायतों को छोड़कर जमीन की व्यवस्था हो चुकी है। मौसम केन्द्र के लिए स्थान, प्रस्तावित स्थल का अक्षांश एवं देशांतर, नजरी नक्शा, स्थल के बगल में 17-20 मीटर खाली जमीन, अगल- बगल के भवन की ऊंचाई, 24 घंटा मोबाईल नेटवर्क रहता है, मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी आदि के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन के जरिए सांख्यिकी निदेशालय को भेज दिया है।

स्वचालित मौसम केन्द्र व वर्षा मापक केंद्र स्थापना की तैयारी जोर- शोर से चल रही है। लगभग एक सौ पंचायत में सिविल वर्क चल रहा है। शीघ्र ही इसमें यंत्र भी स्थापित किया जाएगा। शेष पंचायतों के लिए भी प्रयास जारी है। -शंकर जी ङ्क्षसह, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सहरसा।


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