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भागलपुर में खेतों की जुताई किए बिना खेती, वर्षा आश्रित खेती के लिए 200 हेक्टेयर भूमि चिन्हित, बढ़ेगी किसानों की आमदनी

खेती में लागत करने के लिए नया प्रयोग किया जाएगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। भागलपुर में पहली बार 200 हेक्‍टेयर भूमि पर वर्षा आधारित खेती होगी। किसान खेतों की जुताई किए बिना सालों भर फसल की बुआई कर सकते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 08:10 AM (IST)
भागलपुर में खेतों की जुताई किए बिना खेती, वर्षा आश्रित खेती के लिए 200 हेक्टेयर भूमि चिन्हित, बढ़ेगी किसानों की आमदनी
खेती में लागत करने के लिए नया प्रयोग किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के दो सौ हेक्टेयर में अब वर्षा आश्रित खेती होगी। इसके लिए जगदीशपुर प्रखंड का चयन किया गया है। कृषि विभाग की मदद से किसान वर्षा आश्रित खेती कर सकेंगे। खेतों की जुताई किए बिना किसान पूरे साल फसल लगा सकेंगे। इससे किसानों को दोगुना फायदा होगा। एक फसल का समय समाप्त होते ही किसान तत्काल दूसरी फसल लगा सकेंगे। इसमें किसानों को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की भी मदद मिलेगी। वैज्ञानिक किसानों को खेती का तरीका बताएंगे।

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एक एकड़ के लिए 3500 रुपये देगी सरकार

वर्षा आश्रित एक एकड़ खेती के लिए किसान को 35 सौ रुपये सरकार की ओर से दी जाएगी। खेती से जो मुनाफा होगा, वह किसानों का होगा। किसानों की आय दोगुनी करने और खेती के विकास के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर की तकनीकी मदद से मौसम आधारित खेती किसान कर सकेंगे। कृषि विभाग कृषि वैज्ञानिकों की मदद से किसानों को वर्षा आश्रित खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इस योजना की खास बात है कि खेती की लागत कम कर पर्यावरण की रक्षा कर किसानों को अत्यधिक लाभ दिलाया जाएगा। जिले के दो सौ हेक्टेयर में धान, गेहूं, मक्का, आलू, सरसों, मसूर आदि खेती की जाएगी। जगदीशपुर के किसानों को बदलते मौसम के अनुकूल नई तकनीकी से खेती करने की जानकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।

दो फसल के बीच होगा 15 से 20 दिन का अंतराल

दो फसल के बीच 15 से 20 दिन का अंतराल होगा। किसानों को पांच वर्षों तक खेतों की जुताई नहीं करनी होगी। खेतों में सालों भर फसल रहेगी। मौसम आधारित खेती की खास बात है कि खेतों की जुताई किए बिना ही किसान पूरे साल फसल लगा सकेंगे। पहली फसल लेने के 15 दिनों बाद ही दूसरी फसल की बुआई कर सकेंगे। वर्षा की कमी वाले क्षेत्र के रूप में जगदीशपुर का चयन किया गया है। यहां के किसान धान, गेहूं के अलावा कई अन्य फसलों को उगा सकेंगे।

साल भर का फसल कैलेंडर

-धान-गेहूं-परती

-अरहर-मक्का

-धान-सरसों-मूंग

-धान-मक्का-परती

-मक्का-गेहूं-मूंग

-धान-गेहूं-मूंग

-धान-चना-मसूर

-धान-आलू-सूरजमुखी

-धान-आलू-मक्का

-मक्का-सरसों- मूंग

वर्षा आश्रित खेती के लिए जगदीशपुर प्रखंड का चयन किया गया है। यहां शुरुआती समय में दो सौ हेक्टेयर में वर्षा आश्रित खेती किसान करेंगे। किसानों को खेती के लिए वैज्ञानिक जानकारी दी जाएगी। -कृष्ण कांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी 


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