आत्मनिर्भर किसान : जिले में किसानों ने बनाई अपनी कंपनी, खुद करेंगे उत्पाद की मार्केटिंग, जानिए
आत्मनिर्भर किसान सरकार ने हर प्रखंड में एक-एक एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा है। इस संगठन को तैयार करने की जिम्मेदारी कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) को दी गई है।
भागलपुर [अभिषेक कुमार]। जिले के किसानों की आय दुगनी होने का रास्ता साफ हो गया है। अब इनके उत्पाद पर बिचौलिये की नहीं चलेगी। किसान अपने उत्पाद को स्वतंत्र होकर बेहतर बाजार मूल्य पर बेच पाएंगे। उनके सपनों को पंख लगेंगे। सपने को साकार करने के लिए प्रगतिशील किसानों ने प्रत्येक प्रखंड में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) तैयार कर लिया है।
दरअसल, सरकार ने हर प्रखंड में एक-एक एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा है। इस संगठन को तैयार करने की जिम्मेदारी कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) को दी गई है। विभागीय अधिकारियों की सक्रियता से भागलपुर ने इस लक्ष्य को पूरा कर लिया है। सभी 16 प्रखंडों में यह कंपनी खड़ी हो गई है। वहीं, राज्य में अब तक साढ़े तीन सौ के आसपास एफपीओ का गठन हुआ है। अब यहां के किसान अपने उत्पाद को बेच कर मालामाल होंगे। उनके चेहरे पर खुशहाली छाएगी, यूं कहे कि उनके आर्थिक उन्नति का नया मार्ग प्रशस्त होगा।
जिले के टॉप फाइव किसानों उत्पादक संगठन
-कोहल एफपीओ : कहलगांव के इस कंपनी में अभी 17 सौ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। ये लोग सब्जी के उत्पादन पर बल दे रहे हैं।
-अंगिका कृषि उत्पाद संगठन : गोराहीह के किसानों ने इस कंपनी की स्थापना की है। इसमें अभी सात से अधिक किसान शामिल हो चुके हैं।
-एग्रो प्वाइंट किसान उत्पादक संगठन : पीरपैंती के किसानों द्वारा स्थापित इस एफपीओ में अभी साढ़े नौ सौ किसानों ने अपना निबंधन कराया है।
-रंगरा चौक कृषि उत्पादक संगठन : रंगरा चौक के मक्का उत्पादक किसानों ने इस कंपनी की स्थापना की है, ताकि उन्हें अपने उत्पादक का सही कीमत मिल सके।
-अजगवीनाथ एफपीओ : सुल्तानगंज के जर्दालू आम उत्पादक किसानों ने इस कंपनी का गठन किया है। वे यहां के आम को बाहर के बाजार में भेज रहे हैं।
क्या होता है एफपीओ
एफपीओ यानी किसानी उत्पादक संगठन (कृषि उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर आप कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
एफपीओ के ये हैं फायदे
एफपीओ से जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। अन्य सेवाएं सस्ती मिलेंगी। बिचौलियों के मकडज़ाल से मुक्ति मिलेगी। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
जिले के सभी 16 प्रखंडों में एफपीओ के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कई एफपीओ में पांच सौ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। विभाग की ओर से उन्हें हर संभव मदद की जा रही है। - प्रभात कुमार सिंह, उप परियोजना निदेशक, आत्मा भागलपुर।