भागलपुर रूट की एलएचबी रैक से चलने वाली दसवीं ट्रेन होगी फरक्का, रेलवे की मुहर
फरक्का एक्सप्रेस में नई कोच लगने से पैसेंजर को सहूलियत होगी। हादसों पर नियंत्रण होगा। आइसीएफ कोच के मुकाबले बेहतर है यह व्यवस्था।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर के रास्ते मालदा से चलकर दिल्ली जाने वाली फरक्का एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को अब झटका महसूस नहीं होगा। क्योंकि इसमें उच्च सुरक्षा मानक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) कोच लगाए जाएंगे। ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद फरक्का एक्सप्रेस नई इराक से लैस हो जाएगी। रेलवे की ओर से एलएचबी कोच लगाने की सहमति मिल गई है। दरअसल, अभी इस ट्रेन में अभी तक आइएफसी कोच लगे हैं। एलएचबी रैक से ट्रेनों का परिचालन अभी इस रूट से चलने वाली अंग एक्सप्रेस, विक्रमशिला एक्सप्रेस, एलटीटी एक्सप्रेस, साप्ताहिक एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, कामाख्या गया और भागलपुर अजमेर शरीफ में किया जा रहा। अब इस कड़ी में फरक्का एक्सप्रेस नाम भी जुड़ जाएगा। उच्च स्तरीय तकनीक से लैस इस कोच में बेहतर शॉक एक्जावर का उपयोग होता है। जिससे कम आवाज होती है और यात्रियों को झटकों का अहसास नहीं होता। वजन में हल्के कोच डिस्क ब्रेक के कारण कम समय व कम दूरी में बेहतर काम करते है। सीबीसी कपलिंग के कारण कोच को दुर्घटना में भी नहीं ज्यादा क्षति नहीं पहुंचता और डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते। कोच में कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम ट्रेन के रुकते ही शौचालय के दरवाजों को बंद कर देती है। इस तरह शौचालय का इस्तेमाल स्टेशन पर नहीं हो सकता। इसमे जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां भी बढ़ी है।
स्लीपर और एसी में होंगी ज्यादा सीटें
एलएचबी रैक लग जाने के बाद का एक्सप्रेस के स्लीपर से लेकर एसी कोचों में सीटों की संख्या बढ़ जाएगी। पुराने पुराने रैक में स्लीपर में 72 सीट होती है, एलएचबी लग जाने के बाद संख्या 81 हो जाएगी। इसी तरह एसी थ्री और टू के एक कोच में सात से आठ सीटों की संख्या में इजाफा होगा। सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन डिरेल भी होती है तो कपलिंग के टूटने की आशंका नहीं होती है, जबकि स्क्रू कपलिंग वाले कोचों के डिरेकोच की खास चीज कोचों में लगे कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम की वजह से गाड़ी के स्टेशन पर रुकने पर यह ट्रेन के शौचालय के दरवाजों को बंद कर देगी और खड़ी ट्रेन में यात्री शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।