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पुलिस हिरासत से भाग निकला झोला छाप डॉक्टर, कई मामले में हैं आरोपित

अनिल का घर बांका में है, जो शाह कुमारी पहाड़ पर घर बनाकर रहता है। पहले अनिल कहलगांव में एनके सिंह के यहां कम्पाउंडर का काम करता था। बाद में खुद को डॉक्टर बताकर क्लीनिक खोल लिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:50 AM (IST)
पुलिस हिरासत से भाग निकला झोला छाप डॉक्टर, कई मामले में हैं आरोपित
पुलिस हिरासत से भाग निकला झोला छाप डॉक्टर, कई मामले में हैं आरोपित

भागलपुर [जेएनएन]। कहलगांव के अंतीचक थाना पुलिस ने मंगलवार को बीरबन्ना गांव में छापेमारी कर फर्जी डॉक्टर अनिल कुमार भारती को गिरफ्तार किया था। व़ह सुबह छह बजे वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। चौकीदार सुभाष पासवान उसे बिना हथकड़ी लगाए ही थाने के सामने आम बगान में शौच के लिए ले गया था। इसी क्रम में वह चौकीदार को चकमा देकर फरार हो गया। चौकीदार ने काफी देर बाद जब थाने पर आकर इसकी सूचना दी तो थानाध्यक्ष समेत सभी पुलिस वालों के होश उड़ गए। आनन फानन थानाध्यक्ष और जवान उसकी खोज के लिए दौड़ पड़े। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।

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थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने कहा कि अनिल के भागने के क्रम में अगर चौकीदार शोर मचाता तो घेराबंदी करने पर उसे पकड़ा जा सकता था। चौकीदार की लापरवाही के चलते कलंक का टीका लगा है। अनिल की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस धनकुंड थाना से भी अनिल के आपराधिक चरित्र के सम्बन्ध में पता लगा रही है।

धोखाधड़ी और मारपीट मामले में हुई थी गिरफ्तारी

अनिल का घर बांका जिले के धोरैया के धनकुण्ड थाना क्षेत्र में है, जो शाह कुमारी पहाड़ पर घर बनाकर रहता है। पहले अनिल कहलगांव नगर में ही डॉक्टर एनके सिंह के यहां कम्पाउंडर का काम करता था। बाद में स्वयं अपने को डॉक्टर घोषित कर बीरबन्ना गांव में सुरेश साह के मकान में फर्जी क्लीनिक चलाने लगा। मंगलवार को छापेमारी में यहां से बड़ी संख्या में 37 तरह की दवाइयां भी बरामद की गई थी।

अनिल ने बकाया पैसा मांगने पर कहलगांव नगर के सिकडग़ढ़ टोला निवासी अशोक कुमार गुप्ता के पुत्र के रोहित कुमार गुप्ता के साथ मारपीट कर मोबाइल छीन लिया था और उल्टे थाने में जाकर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था। मुकदमा वापसी के नाम पर अशोक गुप्ता से पहले 22 हजार रुपये लिया फिर एक लाख रुपये की मांग करने लगा। लाचार अशोक ने थाने में मुकदमा दर्ज किया और उसमें फर्जी चिकित्सक बन क्लीनिक चलाने की शिकायत की। इसी शिकायत के आधार पर अनिल की गिरफ्तारी हुई थी।


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