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Fake admission in medical college: मेडिकल में नामांकन के नाम पर ठगी गिरोह का बहुरूपिया था केके शर्मा, पूर्णिया तक पहुंची जांच

मेडिकल कालेज में दाखिला के नाम पर ठगी की जांच पूर्णिया तक पहुंच गई है। अब इस मामले में एसटीएफ की टीम ने इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिसमें कृष्णकांत शर्मा को पटना के दानापुर स्थित उर्जा नगर नीलकंठ आपर्टमेंट से गिरफ्तार किया गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 02:10 PM (IST)
Fake admission in medical college: मेडिकल में नामांकन के नाम पर ठगी गिरोह का बहुरूपिया था केके शर्मा, पूर्णिया तक पहुंची जांच
मेडिकल कालेज में दाखिला के नाम पर ठगी की जांच पूर्णिया तक पहुंच गई है।

पूर्णिया [राजीव कुमार]। मेडिकल के नाम पर ठगी मामले की जांच का दायरा जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है इसमें बिहार के कई जिलों में फैले इस गिरोह के नेटवर्क का खुलासा हो रहा है। मेडिकल में नामांकन के नाम पर सैकड़ों छात्रों से करोड़ों की रकम उगाही मामले में भोपाल एसटीएफ की टीम पहले ही इस गिरोह के सरगना अररिया के फारबिसगंज निवासी संदीप करवरिया एवं मधुबनी के दीपक कुमार को पूर्णिया के एक होटल से गिरफ्तार कर चुकी है।

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अब इस मामले में एसटीएफ की टीम ने इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिसमें कृष्णकांत शर्मा को पटना के दानापुर स्थित उर्जा नगर नीलकंठ आपर्टमेंट से एवं अजीत प्रताप ङ्क्षसह को चामुंडा देवी मंदिर आगरा यूपी से गिरफ्तार किया है। इसमें बिहार के पटना का रहने वाला केके शर्मा इस ठगी गिरोह का सबसे बहुरूपिया ठग था। मेडिकल में नामांकन के लिए ठगी के इस खेल में गिरोह के सदस्य उसे दक्षिण के राज्यों के के. के गौड़ तो दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में इसे एमसीआई का सदस्य बताकर ठगी के धंधे को अंजाम देते थे।

कई मेडिकल कालेजों में तो यह सहायक मैनेजर के रूप में अपना परिचय देकर नामांकन कराने वाले छात्रों से ठगी करता था। पकड़ में आने के बाद कृष्णकांत शर्मा ने खुलासा किया है की उसके द्वारा कर्नाटका एजुकेशन कंसल्टेनंसी एवं कर्तविती सर्विसेज के नाम से संस्था खोलकर नीट, यूजी, नीट पीजी, परीक्षा देने वाले छात्रों का डाटा खरीदा जाता था और फिर उन्हें अपने जाल में फंसाकर ठगी की जाती थी।

केके शर्मा ने कबूला कई छात्रों से नामांकन के नाम पर ठगी गयी राशि

पटना के दानापुर से पकड़ में आए केके शर्मा ने खुलासा किया की उसके द्वारा मेडिकल में नामांकन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर नंदनी शार्दूल से 1. 78 लाख, क्षितिज गायकवाड़ से 75 हजार, सोपान ङ्क्षसह सागर से 75 हजार, लक्ष्मी नवसुपे से 1. 50 लाख, सतारा से 1. 20 लाख एलएन यादव से 12 लाख, मनीष पटेल से एक लाख इस प्रकार कुल 18. 98 लाख रूपए की वसूली की। के. के शर्मा ने इस बात को भी स्वीकार किया की उसके द्वारा देश के लता मगेंशकर मेडिकल कालेज नागपुर, किम्स मेडिकल कालेज बंगलौर, दत्तामेधे मेडिकल कालेज नागपुर व अन्य मेडिकल कालेजों में साठ लाख से लेकर 1 करोड़ 60 लाख रूपए तक प्रति एडमिशन कमीशन आधार पर मैनेजमेंट कोटे के कराया है। उसके द्वारा 15 एडमिशन कराने की बात सामने आई है। केके शर्मा के खिलाफ पूर्व से ही झारखंड के पूर्वी ङ्क्षसहभूम जिले के विशटूपुर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।

पकड़ में आए दूसरे आरोपी ने भी कई छात्रों से वसूली रकम

भोपाल एसटीएफ की टीम ने जो आगरा के अजीत प्रताप ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया है वह भी इस गिरोह का एक मुख्य सहयोगी है तथा इसके द्वारा भी कई छात्रों से 4 5 लाख से अधिक की राशि मेडिकल में नामांकन के नाम पर ठगी करने की बात सामने आई है। यह अक्सर छात्रों के अभिभावकों को सेंटल पुल कोटे से नामांकन का झांसा देकर ठगी करता था। इसके द्वारा लखनरू निवासी कुलदीप तिवारी से 21 लाख तेजदत भारद्वाज से 17 लाख, जयपुर निवासी हरिमोहन से 7. 75 लाख इस तरह सभी छात्रों से 45. 75 लाख की वसूली की। इस आरोपी ने पकड़ में आने के बाद स्वीकार किया की उसके गिरोह के द्वारा कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र , राजस्थान, यूपी , मध्य प्रदेश एवं केरल के छात्रों से ठगी की गयी है।

मेडिकल के नाम पर ठगी मामले की जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही है इस मामले की जांच में एसटीएफ की टीम को हर सभव मदद पुलिस द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। सुरेश चौधरी आइजी पूर्णिया  


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