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खुले में शौच मुक्त घोषणा को मुंह चिढ़ा रही जमीनी हकीकत, यह है सच्चाई Bhagalpur News

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को बापू के 150वें वर्षगांठ पर ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण कर ओडीएफ का लक्ष्य रखा था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 02:07 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 02:47 PM (IST)
खुले में शौच मुक्त घोषणा को मुंह चिढ़ा रही जमीनी हकीकत, यह है सच्चाई Bhagalpur News
खुले में शौच मुक्त घोषणा को मुंह चिढ़ा रही जमीनी हकीकत, यह है सच्चाई Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। कागजों पर भागलपुर खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गया है, पर जमीनी हकीकत कागजी दावे की पोल खोलती नजर आती है। जिला मुख्यालय से सटे सबौर प्रखंड में कई सामुदायिक भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों मे शौचालय नहीं बने। सबौर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर मुकेरी टोला में शौचालय के नाम पर सिर्फ पैन लगा दिया गया और टंकी के नाम पर लगभग ढाई फीट की सीमेंट निर्मित खुली टंकी रख दी गई है। यह तस्वीर बताने के लिए पर्याप्त है कि शौचालय निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई है। फतेहपुर मुकेरी टोला निवासी मुहम्मद जिशान ने बताया कि स्कूल में शौचालय अधूरा है। इसी स्कूल परिसर में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया।

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बंशीटीकर में नहीं बना है शौचालय

सबौर के सरधो पंचायत स्थित वंशीटीकर पासवान टोला में शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं। यहां पंचायत भवन का निर्माण किया गया, पर शौचालय नहीं बना। ग्रामीणों का कहना है कि स्वयंसेवी संस्था के लोगों ने कई बार गांव का सर्वे किया। शौचालय निर्माण कराए जाने की बात कह जगह की तस्वीर भी ले गए, लेकिन शौचालय नहीं बनाया। इसी टोले के जितेंद्र पासवान ने बताया कि दस रुपये सैकड़ा ब्याज की दर से गांव के ही एक महाजन से कर्ज लेकर शौचालय निर्माण कर लिया, लेकिन उसे शौचालय मद का सरकार से राशि नहीं मिली। अभी तक वह महाजन को 15 हजार रुपये का सूद ही दे रहा है।

नहीं दी गई है सरकारी सहायता राशि

वंशीटीकर पासवान टोले के कुछ लोगों ने शौचालय बना लिया अब सरकारी रकम की वाट जोह रहे हैं। वंशीटीकर निवासी वीरेंद्र कुमार, आशा कार्यकर्ता प्रेमा देवी, रामवती देवी, सिकंदर पासवान, अनिक पासवान आदि ने बताया कि प्रखंड से कई बार सरकारी कर्मचारी आए और घर-जमीन देखकर गए, लेकिन शौचालय नहीं बनाया।

उर्दू मध्य विद्यालय में नहीं बना शौचालय

सबौर के उर्दू मध्य विद्यालय में भी शौचालय नहीं है। स्कूल के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, बच्चे सभी शौचालय की समस्या से परेशान हैं। समेकित बाल विकास परियोजना ठठेरी टोला सबौर में भी शौचालय अधूरा ही है। ग्रामीण क्षेत्रों की दशा और भी दयनीय है।

बापू के 150वें वर्षगांठ पर रखा था लक्ष्य

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को बापू के 150वें वर्षगांठ पर ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण कर खुले में शौच मुक्त भारत यानी ओडीएफ का लक्ष्य रखा था। 24 दिसंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी मिलने के बाद स्वच्छ भारत अभियान का गठन किया गया। यह योजना लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान और शौचालय निर्माण योजना(शहरी क्षेत्र) के रूप में शुरू की गई।

सबौर प्रखंड समेत अन्य जगहों से अपूर्ण शौचालय निर्माण की शिकायतें मिली हैं। बीडीओ को उसे पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। स्वच्छता मिशन में जो लगे हैं, उन्हें इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी है। - प्रमोद कुमार पांडेय, निदेशक डीआरडीए।

सबौर प्रखंड के जिन गांवों में शौचालय नहीं बना है और जहां शौचालय निर्माण अधूरा है, उसे शीघ्र पूरा कराया जाएगा। प्रत्येक पंचायत में दो सामुदायिक शौचालय भी निर्माण कराया जाएगा। 185 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण के लिए राशि भी आ गई है। - निशांत कुमार, जिला समन्वयक जल एवं स्वच्छता समिति, भागलपुर।


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