सुनिए वित्त मंत्री जी : रियल इस्टेट सेक्टर को मिले इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग का दर्जा Bhagalpur News
रियल इस्टेट सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग का दर्जा दिए जाने की अपील कंफेडरेशन ऑफ रियल इस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) भागलपुर चैप्टर ने वित्त मंत्री से की है।
भागलपुर, जेएनएन। एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। आम बजट पर देश, राज्य और जिले के उद्यमी, व्यवसायियों की नजर है। सभी आने वाले केंद्रीय बजट से काफी आस लगाए बैठे हैं। ऐसे में रियल इस्टेट सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग का दर्जा दिए जाने की अपील कंफेडरेशन ऑफ रियल इस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) भागलपुर चैप्टर ने वित्त मंत्री से की है। भागलपुर चैप्टर के जिलाध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने कहा है कि आम बजट में रियल सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग का दर्जा मिलने से आम लोगों को राहत होगी। उन्होंने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रियल इस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है। कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में काफी गिरावट आई है।
निबंधन और स्टैंप दर में संशोधन की जरूरत
एक अप्रैल 2019 को जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में मिलने वाली इनपुट टैक्स के लाभ को रियल इस्टेट में समाप्त कर दिया है। इस वजह से भवन निर्माण सामग्री सीमेंट, सरिया आदि महंगे हो गए हैं। जीएसटी दर भी उच्च स्लैब में रहने की वजह से परेशानियां बढ़ी हैं। राज्य सरकारों की ओर से लगाए जाने वाले निबंधन और स्टैंप मूल्य के कारण ग्राहकों पर अत्यधिक भार पड़ रहा है। इस कारण राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले निबंधन और स्टैंप मूल्य को भी जीएसटी में समाहित करने की जरूरत है।