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संभलें : ज्यादा कसरत करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है

रिसर्च से यह साबित हो गया है कि जरूरत से ज्यादा कसरत करने से महिलाओं में बांझपन की आशंका बढ़ जाती है। ज्यादा जिम करने वाली महिलाओं की कैलोरी जितनी खर्च होती है उतनी पूर्ति नहीं

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 04:00 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 04:00 PM (IST)
संभलें : ज्यादा कसरत करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है
संभलें : ज्यादा कसरत करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है

भागलपुर [अशोक अनंत]। यूं तो कसरत करने से शारीरिक, मानसिक क्षमता में विकास होता है लेकिन जरूरत से ज्यादा कसरत करने पर इसका नकारात्मक असर पडऩे लगता है। इसके चलते जहां पुरुषों में शुक्राणु की क्षमता में ह्रास होता है वहीं हारमोन में बदलाव आने से महिलाओं की माहवारी अनियमित हो जाती है और यह बांझपन के खतरा जन्म देता है। रिसर्च में यह बात सामने आई है। गायनेकोलॉजिस्ट भी इस बात से इन्कार नहीं कर रहे हैं।

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जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की सह प्राध्यापक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वर्षा सिन्हा ने कहा कि रिसर्च से यह साबित हो गया है कि जरूरत से ज्यादा कसरत करने से महिलाओं में बांझपन की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि असल में जिम जाने वाली युवती या महिलाओं को प्रशिक्षित ट्रेनर नहीं मिलते। ज्यादा जिम करने, टहलने या जॉगिंग करने वाली महिलाओं की कैलोरी जितनी खर्च होती है उतनी पूर्ति नहीं करने से शारीरिक क्षमता में ह्रास होता है। हारमोन में बदलाव होता है इससे माहवारी अनियमित होती है, जो गर्भाधान नहीं होने देती। इसके अलावा स्पाइन इंजूरी, लिंगामेंट कमजोर होने से इसे कभी ठीक भी नहीं किया जा सकता।

डॉ. सिन्हा के मुताबिक जिम से ज्यादा फायदेमंद योगासन है। वहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वसुंधरा लाल ने कहा कि कसरत करने वालों की डाइट पर भी निर्भर है। डाइट अगर संतुलित है फिर भी जरूरत से ज्यादा कसरत करना हानिकारक है। नींद लगने में भी परेशानी होती है। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अशोक कुमार सिंह के मुताबिक वर्षों से ज्यादा जिम करने की वजह से हारमोन में बदलाव होता है। महिलाओं में यौन इच्छा की कमी होने लगती है। साथ ही एस्ट्रोजन हारमोन बढऩे से मोटापा होता है और तीन-चार माह में माहवारी होने लगती है। इससे बांझपन होने की संभावना बढ़ जाती है। पुरुषों में भी टेस्टोस्टेरॉन हारमोन बढ़ता है। इससे शुक्राणु की संख्या में कमी आती है और वे कमजोर हो जाते हैं, साथ ही प्रजनन की क्षमता में ह्रास होता है।


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