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Bihar Assembly Elections 2020 : यहां पर हर बार चौपाल से शुरू चर्चा पहुंच जाती है चीन की सीमा तक

पूर्व बिहार कोसी और सीमांचल में इस बार कई समस्याएं हैं। बावजूद चुनावी चर्चा समस्या से शुरू होकर रास्ता बदल लेती हैं। बुजुर्ग जहां 1962 के युद्ध की कहानी सुनाते हैं तो युवा इसे 2020 का भारत बताते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 04:39 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 04:39 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020 : यहां पर हर बार चौपाल से शुरू चर्चा पहुंच जाती है चीन की सीमा तक
भारत और चीन की सीमा पर तैनात भारतीय जवान

भागलपुर [आनंद कुमार सिंह]। बिहार में चुनावी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है। इसमें तरह-तरह के मसाले हैं, लेकिन युवा इस खिचड़ी में भारत-चीन सीमा विवाद का तड़का लगा रहे हैं। कहीं किसी भी मुद्दे पर चर्चा शुरू हो, पहुंचती चीन तक ही है। बुजुर्ग जहां 1962 के युद्ध की कहानी सुनाते हैं तो युवा इसे 2020 का भारत बताते हैं।

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पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में इस बार कई समस्याएं हैं। बावजूद, चुनावी चर्चा समस्या से शुरू होकर रास्ता बदल लेती हैं। शाहकुंड-असरगंज मार्ग पर सड़क के किनारे एक सैलून है। यहां पर रामवृक्ष सिंह, बम सिंह और गेंधारी तांती आपस में बात कर रहे हैं। चर्चा अकबरनगर के जाम से शुरू हुई, लेकिन जल्द ही भारत-चीन मुद्दे तक पहुंच गई। बहस इतनी तीखी हो गई कि चुनाव के सारे मुद्दे एक तरफ और नेहरू-मोदी की नीतियां दूसरी तरफ। बम सिंह ने बताया कि स्थानीय समस्याओं को लेकर भी वोटरों में आक्रोश है, लेकिन सीमा का मुद्दा बड़ा है। इस कारण उसकी अहमियत समझदार ही समझ सकते हैं।

विश्व हिंदू परिषद के भागलपुर विभाग संपर्क प्रमुख राकेश सिन्हा बताते हैं कि कोरोना महामारी की शुरुआत चीन से ही हुई है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी में है, लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर पहली बार भारत ने चीन को करारा जवाब दिया है। इसे लेकर युवाओं के बीच काफी चर्चा है। अधिकांश युवा मानते हैं कि इस बार देश स्वाभिमान के साथ सीमा पर खड़ा है और निश्चित रूप से चुनाव पर इसका प्रभाव पड़ेगा। भाजपा के बांका जिलाध्यक्ष विकास सिंह बताते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा से केंद्र सरकार समझौता नहीं करती है। भाजपा लोगों के बीच इस मुद्दे को भी लेकर जा रही है। इधर, सबौर निवासी मदन राय ने बताया कि सबौर में सड़क की समस्या लंबे समय से है। बावजूद, इलाके में हर चुनावी चर्चा में मोदी-जिनपिंग आ ही जाते हैं। बात शुरू होती है सबौर की सड़क से और सीमा पर बन रही सड़क तक पहुंच जाती है। लोग भी यही मान रहे हैं कि इस बार चुनाव में भारत-चीन सीमा विवाद का भी गहरा प्रभाव रहेगा।


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