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सीमांचल : जलस्तर घटते ही तेज हुआ कटाव, नदी किनारे बसे कई गांवों के लोग सहमें

सीमांचल में महानंदा एवं डोंक नदी के कटाव से लोग सहमें है। नदी का जलस्तर घटते ही लोग कटाव से सहम गए हैं। कस्वाकलियागंज पंचायत के चकबंदी कालियागंज बालूबाड़ी गौरीहाट सैठाबाड़ी पठान टोला कोल्था पंचायत के सतमेढ़ी आदि दर्जनों गांव कटाव के मुहाने पर है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 10:02 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 10:02 PM (IST)
सीमांचल : जलस्तर घटते ही तेज हुआ कटाव, नदी किनारे बसे कई गांवों के लोग सहमें
सीमांचल में बारिश के बाद उफान पर नदी

अररिया, जेएनएन। पोठिया प्रखंड क्षेत्र में महानंदा एवं डोंक नदी के बढ़ते घटते जलस्तर के कारण अब लोगों को कटाव की ङ्क्षचता सताने लगी है। बारिश थमते ही नदियां उतरने लगी है और कटाव तेज होने लगा है। नदी कटाव से सहमे ग्रामीण अब कटावरोधी कार्य कराए जाने की मांग कर रहे हैं।

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पोठिया प्रखंड क्षेत्र भौगोलिक ²ष्टिकोण से महानंदा एवं डोंक नदी से घिरा हुआ है। जब भी दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ता है तो निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लेकिन जब नदी का जलस्तर घटने लगता है तो नदी किनारे बसे गांव के लोगों को कटाव का दंश झेलना पड़ता है। नदियों का जलस्तर घटने से फाला पंचायत के बड़ा पोखर, कस्वाकलियागंज पंचायत के चकबंदी, कालियागंज, बालूबाड़ी, गौरीहाट, सैठाबाड़ी पठान टोला, कोल्था पंचायत के सतमेढ़ी आदि दर्जनों गांव कटाव के मुहाने पर है।

रीहाट में कब्रिस्तान सहित कई ग्रामीणों का घर महानंदा नदी के जद में है। चकबंदी, कालियागंज, बालूबाड़ी गांव तो नदी से महज 50 फीट की दूरी पर है। नदी के अनवरत कटाव को देख ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। इसी प्रकार बड़ापोखर गांव में पक्की सड़क से नदी की दूरी दस फीट पर है। ग्रामीण मु. मुस्लिम, शाहीद आलम, मु. हमीद,रियाजुल आदि ने बताया कि बड़ापोखर गांव में कटावरोधी कार्य नहीं किया गया तो पक्की सड़क कभी भी नदी में समा जाएगा। छत्तरगाछ मुखिया अबुल कासिम, मु. इस्लाम अंसारी ने बताया कि डोक नदी के सतमेढ़ी घाट पर नदी का अनवरत कटाव जारी है। जिससे सैकड़ों एकड़ खेती योग्य जमीन कटने लगा है। जिस रफ्तार से नदी कटाव हो रही है उसे देखकर लगता है कि आदिवासी बगान टोला कभी भी कटाव की जद में आ जाएगा।

सड़कों पर बह रहा बाढ़ का पानी आवागमन ठप

हसनगंज (कटिहार) : प्रखंड क्षेत्र में वर्ष 2017 की बाढ़ में ध्वस्त हुई सड़कों की मरम्मत नहीं होने के कारण तीन वर्षों बाद भी लोग परेशानी का सबब झेल रहे हैं। इसके कारण लोग परेशानी का सबब झेल रहे हैं। बाढ़ व बरसात के कारण कङ्क्षटग पर पानी जमा होने के कारण बड़ी आबादी आवागमन की समस्या झेल रही है। बता दें कि प्रखंड के जगरनाथपुर पंचायत के नवादा गांव से कालसर राजा सड़क को जोडऩे वाली सड़क काजीबाड़ी गांव के समीप 2017 की बाढ़ में ध्वस्त हो गई है, जिसकी मरम्मत नहीं हो पाई है। वहीं हरखा चौक से हसनगंज मझेली सड़क को जोडऩे वाली सड़क की भी यही स्थिति बनी हुई है। लोग घुटने भर पानी होकर आवागमन करने पर मजबूर है। हसनगंज से कोढ़ा प्रखंड को जोडऩे वाली सड़क के चांपी पुल के करीब सड़क ध्वस्त होने के बाद नही बनाया गया। इसके कारण लोग परेशानी झेल रहे हैं। इसके कारण लोग परेशानी का सबब झेलने को मजबूर है, लेकिन किसी स्तर से उनकी सुध नहीं ली जा रही है।


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