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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : यहां उधार के भवन में चल रहा इंजीनियरिंग कॉलेज, अस्पताल है पर डॉक्टर नहीं

शहर में चार वर्ष पूर्व प्रारंभ किए गए इंजीनियरिंग कॉलेज को अभी तक अपना कैंपस नसीब नहीं हो सका है। यह कॉलेज उधार के भवन में किसी तरह से संचालित हो रहा है। इससे काफी परेशानी हो रही है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:18 PM (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : यहां उधार के भवन में चल रहा इंजीनियरिंग कॉलेज, अस्पताल है पर डॉक्टर नहीं
मधेपुरा के स्‍वास्थ्य उपकेंद़र का जर्जर भवन

मधेपुरा [प्रशांत आलोक]। विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में मधेपुरा विधानसभा का चुनाव सात नवंबर को होना है। चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है। रजानीतिक सरगर्मी बढऩे के साथ ही कई अहम स्थानीय मुद्दों को लेकर लोग बात करने लगे हैं। इनमें शहर से गुजरने वाली अहम सड़क एनएच 106 और एनएच 107 का निर्माण नहीं हो पाना अहम है। वहीं शहर में जल जमाव की समस्या, शहर में स्वच्छ पेयजल की आपर्ति नहीं हो पाना। इसके अलावा चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवा की दयनीय स्थिति व इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज को अपना कैंपस अभी तक नहीं मिल पाना मुख्य रूप से शामिल है।

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उधार के भवन में चल रहा इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज

शहर में चार वर्ष पूर्व प्रारंभ किए गए इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज को अभी तक अपना कैंपस नसीब नहीं हो सका है। यह कॉलेज उधार के भवन में किसी तरह से संचालित हो रहा है। स्थिति यह है यहां पढऩे वाले इंजीनियङ्क्षरग के छात्र-छात्राओं के रहने तक के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हॉस्टल की सुविधा नहीं रहने के कारण छात्राओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।

शहर में ही नहीं मिल सका स्वच्छ पेयजल

जिले के सभी 170 पंचायतों के 2242 वार्ड में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना चल रही है। लेकिन मधेपुरा शहर में अभी तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना अधर में लटकी हुई है। प्रशासनिक स्तर पर इसकी कई वजह बताई जा रही है। सबसे बड़ी वजह है कि शहर में बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से पानी उपलब्ध कराया जाना है। जबकि पंचायतों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से पानी उपलब्ध कराया जाना है। बुडको के द्वारा कराए जा रहे कार्य में हो रही देरी की वजह से स्वच्छ पेयजल की योजना लटकी हुई है।

जल जमाव एक बड़ी समस्या

मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र में जल जमाव एक बड़ी समस्या है। खासकर मधेपुरा शहर में बारिश के दिनों में शहर के मुख्य मार्ग से लेकर गली मुहल्लों तक की सड़क जल जमाव का संकट बना रहता है। शहर को जल जमाव से मुक्त कराने को लेकर बुडको की ओर से नाला के गंदा पानी को साफ कर नदी में गिराने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए गंदा पानी को साफ करने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना था। लेकिन यह योजना धरातल पर अभी तक उतर नहीं सकी। अभी तक बड़को के फाइल में दबी हुई है।

खाली पड़े हैं अस्पताल

जिले में प्रत्येक प्रखंडों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर अतरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई थी। प्रखंड स्तर तीन तीन की स्ंख्या में एपीएचसी को स्थापित किया गया। लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण जिले भर के एपीएचसी में लोगों का सही तरीके से उपचार नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र का अस्पताल तो बंद ही रहता है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी होती है।

19 सालों से अधर में लटका है सड़क निर्माण

एनएच 106 व 107 का शिलान्यास 2001 में ही किया गया था। लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। वहीं बैद्यनाथपुर-लिटयाही सड़क मार्ग का निर्माण भी अधूरा है। ऐसे में लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। मधेपुरा से सहरसा व मधेपुरा से मुरलीगंज जाने में काफी परेशानी होती है। इसके अलावा घैलाढ़ व गम्हरिया के ग्रामीण सड़कों की हालत काफी बदतर है। कई सड़कों का सिर्फ शिलान्यास कर छोड़ दिया गया है। काम शुरू नहीं हो पाई है। वहीं कई सड़क अधूरा है। इससे आवागमन में परेशानी बढ़ गई है।


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