हड़ताल : नियोजित शिक्षकों ने सात सूत्री मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन Bhagalpur news
नियोजित शिक्षकों की हड़ताल का असर भागलपुर जिले में भी पड़ा है। समान काम समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षक हड़ताल कर रहे हैं। शुक्रवार को भी नियोजित शिक्षकों ने आंदोलन किया।
भागलपुर, जेएनएन। नियोजित शिक्षकों की हड़ताल जारी है। 17 फरवरी से ही बिहार राज्य के सभी नियोजित शिक्षक धरना, प्रदर्शन, आंदोलन कर रहे हैं। हड़ताल का असर भागलपुर जिले में भी पड़ा है। समान काम समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षक हड़ताल कर रहे हैं। शुक्रवार को भी नियोजित शिक्षकों ने आंदोलन किया। समाहरणालय पहुंचकर शिक्षकों ने धरना दिया।
इससे पहले सात सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले करीब पांच हजार शिक्षकों ने गुरुवार को घंटा घर चौक से आक्रोश मार्च निकाला। आक्रोश मार्च आयुक्त कार्यालय, पीर बाबा चौक होते हुए समाहरणालय पहुंचा। इसके बाद शिक्षकों ने एडीएम को मांग पत्र सौंपा।
आक्रोश मार्च का नेतृत्व कर रहे शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक श्याम नंदन सिंह ने कहा कि सरकार अविलंब वार्ता करे। हमारी मांगे जायज है। इसके लिए हम लोग कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों के नहीं रहने से पठन-पाठन और मिड डे मील बंद है, लेकिन सरकार शिक्षकों के साथ समझौते नहीं कर रही है। तानाशाही रवैया नहीं चलेगी।
अपना हक ले कर रहेंगे
वहीं, शिक्षक नेता राणा कुमार झा ने कहा कि शिक्षकों पर दमनात्मक कारवाई नहीं चलेगी। इस बार अपना हक आर-पार की लड़ाई लड़ के लेंगे। मांगे पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा। आवश्यकता हुई तो आगे भिक्षाटन और जेल भरो अभियान भी चलाया जाएगा।
ये लोग थे शामिल
आक्रोश मार्च में विवेकानंद सिंह, नवल किशोर मंडल, चंद्रशेखर राय, शेख इरफान, सुप्रिया कुमारी, मिथलेश कुमार यादव, विश्वामित्र उर्फ टाइगर, नलिनी आदि शामिल हुए। आंदोलनकारी ने प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान सभी एकजुट थे।
ये थी शिक्षकों की प्रमुख मांगे
-समान कार्य के लिए समान वेतन
-पुरानी पेंशन योजना लागू हो
-नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले
-पुरानी सेवा शर्त लागू हो
-सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष
-ईपीएफ कटौती और स्थानांतरण सेवा की सुविधा