कॉपी बिक्री की गलत प्रक्रिया मामले में तीन अधिकारियों को नोटिस
टीएमबीयू ने कॉपी बिक्री की प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर दो पूर्व अधिकारियों और एक वर्तमान अधिकारी को तलब किया गया।
भागलपुर। टीएमबीयू ने कॉपी बिक्री की प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर दो पूर्व अधिकारियों और एक वर्तमान अधिकारी को तलब किया गया। इसमें पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. अवध किशोर राय, पूर्व प्रति-कुलपति डॉ. रामयतन प्रसाद यादव और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार सिंह शामिल हैं। उनसे इस मामले में जवाब मांगा गया है। हालांकि जांच कमेटी की रिपोर्ट को आधार मानकर कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव ने तीनों अधिकारियों से ईमेल के माध्यम से जवाब देने का अनुरोध किया है। कुलसचिव के पत्र में लिखा गया है कि जांच कमेटी ने कॉपी बिक्री की प्रक्रिया को गलत बताते हुए उसका पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। इस मामले को खरीद-बिक्री कमेटी में रखते हुए कार्य होना था। इस कार्य के लिए विश्वविद्यालय के एक्ट को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। कहा गया है कि ऐसे वित्तीय लेन-देन के मामलों में पूर्व कुलसचिव द्वारा वित्तीय सलाहकार को फाइल दिखानी जरूरी होती है। बावजूद ऐसा नहीं किया गया।
लेन-देन में नहीं हुआ वित्तीय नुकसान
हालांकि पत्र में जांच कमेटी के हवाले से कहा गया है कि लेन देन में विश्वविद्यालय को वित्तीय हानि नहीं हुई है। ऐसे में सीनेट सदस्य डॉ. मृत्युंजय सिंह गंगा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जांच कमेटी एक ओर जहां मान रही है कि प्रक्रिया गलत हुई है, साथ ही इसके लिए टेंडर भी नहीं किया गया तो वित्तीय हानि नहीं होने की बात कहां से आई। इस मामले में जांच कमेटी द्वारा भी लीपापोती कर जिम्मेदारों को बचाने का आरोप विवि प्रशासन पर लगाया गया है।
सीनेट सदस्य ने उठाया था मामला
कॉपी बिक्री मामले को फरवरी 2020 में सीनेट की बैठक के दौरान सीनेट सदस्य डॉ. गंगा ने ही उठाया था। मामले में जांच कमेटी का गठन हुआ। जिसकी जांच एक साल में पूरी हुई। नौ मार्च को प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी को यह रिपोर्ट मिली। जिसे देखने के बाद उन्होंने तत्कालीन प्रभारी कुलपति को क्लीनचिट देते हुए नीचे के अधिकारियों की गलती बताई थी। इस पर जब सवाल उठने लगे तो कॉपी बिक्री मामले में जवाब तलब किया गया है।