प्रभारी कुलपति के पक्ष को लेकर बढ़ा विवाद, पूर्व कुलपति ने उठाया सवाल
तिलाकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी के मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब उनके द्वारा टीएमबीयू पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर के हवाले से दिए गए पक्ष को लेकर मामला फंस गया है।
भागलपुर। तिलाकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी के मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब उनके द्वारा टीएमबीयू पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर के हवाले से दिए गए पक्ष को लेकर मामला फंस गया है। पीआरओ ने पक्ष में कहा था कि डॉ. एलसी साहा को जूनियर रहते हुए कुलपति का प्रभार दिया गया था। इस बात का पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. साहा ने पूरी तरह खंडन करते हुए कहा है कि वे वरीय थे, इस कारण उन्हें प्रभार दिया गया था।
उन्होंने कहा कि डॉ. संजय कुमार चौधरी को इस बात की जानकारी शायद नहीं है। वे टीएमबीयू के कुलसचिव से संबंधित फाइलों को मंगाएंगे तो उन्हें जानकारी होगी कि उन्हें प्रभार क्यों दिया गया था। पूर्व प्रभारी कुलपति ने कहा कि कभी भी कुलपति का प्रभार देने के पूर्व राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय से 10 वरीय प्रोफेसर और डीन के नाम मांगे जाते हैं। इसे एक फॉरमेट में भरकर कुलसचिव के माध्यम से राजभवन को भेजा जाता है, जिसमें शिक्षकों की पूरी जानकारी रहती है। वे कब नौकरी में आए थे, कब सेवानिवृत्त होंगे, उनकी जन्म तिथि कितनी है आदि जानकारी के साथ डिटेल भेजी जाती है।
उधर, डॉ. चौधरी पर आरोप लगाने वाले टीएनबी कॉलेज के पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी अमरेंद्र झा ने भी पीआरओ के हवाले से दिए पक्ष पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यदि डॉ. चौधरी प्रोफेसर हैं तो वे इसका सुबूत सार्वजनिक करें। राजभवन द्वारा कुलपति-प्रतिकुलपति की नियुक्ति के लिए शार्ट लिस्ट किया जाना आधार कैसे हो सकता है। बता दें कि उन्होंने डॉ. चौधरी के प्रोफेसर होने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें प्रोफेसर में पदनामित किया गया था। जो जांच में गलत पाया गया। राजभवन उस आदेश को ही रद कर दिया था। इस मामले में डॉ. संजय कुमार चौधरी ने पीआरओ के माध्यम से पक्ष रखते हुए था कि उन पर गलत आरोप लग रहे हैं। पूर्व एसओ के विरूद्ध उन्होंने टीएनबी कॉलेज प्राचार्य के तौर पर कार्रवाई की है इस कारण वे उन पर गलत आरोप लगा रहे हैं।