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सर्वांगीण विकास और संस्कृति से जुड़ी हो शिक्षा

शिक्षा को विद्याíथयों के सर्वांगीण विकास और देश की संस्कृति से जुड़ा होना चाहिए। इस मकसद में हम तभी कामयाब हो सकते हैं जब बच्चों के चरित्र और संस्कार को बनाने में सफल हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:08 AM (IST)
सर्वांगीण विकास और संस्कृति से जुड़ी हो शिक्षा
सर्वांगीण विकास और संस्कृति से जुड़ी हो शिक्षा

भागलपुर। शिक्षा को विद्याíथयों के सर्वांगीण विकास और देश की संस्कृति से जुड़ा होना चाहिए। इस मकसद में हम तभी कामयाब हो सकते हैं जब बच्चों के चरित्र और संस्कार को बनाने में सफल हो जाते हैं।

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उक्त बातें रविवार को पूरनमल बाजोरिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार के समापन मौके पर बीएचयू हिदी विभाग के प्रो. वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा शिक्षा जीवन का बहुत बड़ा हथियार है। इसे कम खर्चीला बनाने का हर किसी को प्रयास करने की जरूरत है।

वेबिनार में विचार व्यक्त करने वालों में कॉलेज के सचिव ब्रजभूषण तिवारी, प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार पांडेय, विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री रामेंद्र राय, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम, विश्व हिदू सचिवालय मारीशस के महासचिव प्रो. विनोद मिश्र सहित अन्य शामिल थे।

वेबिनार का संचालन अध्यापिका सरिता कुमारी कर रही थी। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया। मौके पर भारती शिक्षा समिति बिहार के प्रदेश सह सचिव प्रकाश चंद्र जायसवाल, महाविद्यालय के सदस्य डॉ. मधुसूदन झा, डॉ. रामकेश पांडे, डॉ. दीप्तांशु भास्कर सहित अन्य उपस्थित थे ।


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