TMBU में सक्रिय हैं शिक्षा माफिया : फोटो कॉपी की दुकानों में बन रहे फर्जी अंक पत्र
TMBU विवि कॉलेज से लेकर हर ओर शिक्षा माफिया सक्रिय है। फर्जी नामांकन पंजीयन के साथ-साथ अंक पत्र भी बनाये जाने लगे हैं। विवि प्रशासन को इससे निपटना एक चुनौती भरा है।
भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के फर्जी अंक पत्र कुछ फोटो कॉपी की दुकानों में प्रिंट हो रहे हैं। इसके लिए शिक्षा माफिया टीएमबीयू से चोरी छिपे अंक पत्र की खाली प्रति गायब कर देते हैं। उसे कंप्यूटर में स्कैन करते हैं। इसके बाद उसी तरह के कागजात पर मनचाहा अंक देकर प्रिंट करा देते हैं। शिक्षा माफियाओं के दलाल इसके लिए विश्वविद्यालय से लेकर बाहर तक फैले रहते हैं। जिससे छात्रों को जरा भी शक नहीं होता है। इसी वजह से वे आसानी से दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं। इस चक्कर में काफी छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है।
छात्र ने किया था राजफाश
कुछ दिनों पूर्व परीक्षा विभाग में एक छात्र को फर्जी अंक पत्र के साथ पकड़ा गया था। वह अपना पेंडिंग रिजल्ट सुधार कराने के लिए पहुंचा था। अंक पत्र देखते ही परीक्षा नियंत्रक अरूण कुमार सिंह ने उसे फर्जी बता दिया। यह सुन छात्र सकपका गया। उससे जब सख्ती से पूछा गया तो उसने कहा कि एक दलाल के माध्यम से ही उसने अंक पत्र प्राप्त किया था। उसने बताया था कि एक विषय में फेल हो जाने पर दलाल को उसने रुपये दिए थे। इसी एवज में उसने एक माह में नया अंक पत्र दिया। यह कहते हुए छात्र विश्वविद्यालय से चकमा देकर भाग निकला।
नकली असली में फर्क करना मुश्किल
फर्जी अंक पत्र और असली अंक पत्र में फर्क करना मुश्किल होता है। हालांकि ज्यादा बारीकी से देखने पर दोनों में अंतर दिखाई देता है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी सही अंक पत्र और फर्जी अंक पत्र में फर्क करना मुश्किल होता है। ध्यान से देखने पर दोनों के बैकग्राउंड में थोड़ा अंतर होता है। असली अंक पत्र का बैकग्राउंड थोड़ा उभरा हुआ होता, कागज की मोटाई भी होती है। मगर नकली अंक पत्र का कागज पतला होता है, उसका बैकग्राउंड भी सही तरीके से नहीं दिखता है। फर्जी अंक पत्र पकड़ाने पर कई बार कार्रवाइयां हुई है। वे अंक पत्र कहां तैयार होते हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। - अरूण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, टीएमबीयू