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दुर्गापुर पंचायत को विकास की आज भी है आस, आजादी की लड़ाई में ऱ्ही थी अहम भूमिका

मुंगेर जिला के संग्रामपुर प्रखंड स्थित दुर्गापुर पंचायत को आज भी विकास की आस लगी हुई है। एक वक्‍त था जब इस पंचायत के लोगों की देश के स्‍वाधीनता आंदोलन में अहम भूमिका रही थी। 12 हजार की आबादी वाला यह पंचायत विकास का वाट जोह रहा है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:24 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:24 PM (IST)
दुर्गापुर पंचायत को  विकास की आज भी है आस, आजादी की लड़ाई में ऱ्ही थी अहम भूमिका
संग्रामपुर प्रखंड के दुर्गापुर पंचायत स्थित पीराडीह दुर्गा मंदिर

मुंगेर [आनंद चौहान] । संग्रामपुर प्रखंड का दुर्गापुर पंचायत का देश का आजादी की लड़ाई में अहम योगदान रहा। कभी दुर्गापुर पंचायत नवगांई पंचायत के नाम से जाना जाता था। पंचायत के नए परिसीमन के बाद दुर्गापुर पंचायत अस्तित्व में आया। पंचायत में दुर्गापुर के अलावा कठौर, चिल्हाजोर, नवगांई, रांगापताल, धनकुंडा, ललिता, मालदा, चांदपुरा एवं मौजमा आदि गांव शामिल हैं। लगभग 12हजार आबादी वाले इस पंचायत की भौगोलिक स्थिति पूरब में दीदारगंज पश्चिम बलिया उत्तर में बलिया एवं दीदारगंज एवं दक्षिण झिकुली पंचायत से घिरा हुआ है। पंचायत में लगभग 8500 मतदाता हैं। जिसमें लगभग चार हजार महिला मतदाता हैं।

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70 फीसद है यहां की साक्षरता दर

इस पंचायत की साक्षरता दर लगभग 70 प्रतिशत है। लगभग 08 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस पंचायत में कुल 14 वार्ड हैं। वर्तमान में हरिनंदन यादव इस पंचायत के मुखिया हैं। सरकार के निर्देशानुसार पंचायत में विकास कार्य कराए गए हैं। बावजूद इसके पंचायत में बुनियादी समस्याएं अब भी बरकरार हैं। सरकार के साथ निश्चय योजना भी पूर्णरुपेन धरातल पर दिखाई नहीं देती है। लाखों खर्च के बाद भी नल जल योजना लोगों की प्रयास नहीं बुझा पा रही है।

महादलित बहुल्य श्रीमतपुर गांव विकास से है कोसों दूर

श्रीमतपुर गांव आजादी के साथ दशक बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है। दुर्गापुर पंचायत के महादलित बहुल्य श्रीमतपुर गांव आजादी के सात दशक बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है। सरकार के निर्देशानुसार हर गांव को मुख्य सड़क से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। बावजूद इसके श्रीमतपुर गांव तक सड़क का निर्माण ना होना जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को दर्शाता है। आज भी नई नवेली दुल्हन को पांव पैदल चलकर ससुराल जाना पड़ता है।

पंचायत का परिचय

पंचायत का नाम : दुर्गापुर

कुल आबादी : 12 हजार

कुल मतदाता : 8500

महिला मतदाताओं की संख्या : चार हजार

साक्षरता दर : 70 प्रतिशत

उच्च विद्यालय : 01

मध्य विद्यालय : 04

प्राथमिक विद्यालय : 04

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 01

स्वास्थ्य उपकेंद्र 01

पंचायत सरकार भवन की स्थिति : पंचायत में भूमि विवाद के कारण पंचायत सरकार भवन का निर्माण बाधित होकर रह गया है।

पशु चिकित्सालय : पंचायत में पशु चिकित्सालय नहीं है। पशुओं की तबीयत बिगडऩे पर पांच किलो मीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है।

साफ सफाई की व्यवस्था : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गली नाली का निर्माण कराया गया है। साफ सफाई के लिए पंचायत को राशि आवंटित नहीं किए जाने से नाले गंदगी और गाद से भर गए हैं। जाम नले से उठने वाली बदबू के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है।

स्ट्रीट लाइट : पंचायत में कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगाया जा सका है। शाम ढलते ही गांव मुहल्ला अंधेरे में डूब जाता है।

पीड़ाहारी दुर्गा मंदिर में पूरी होती है मनोकामना

पंचायत के नवगांई में मनोकामना सिद्धपीठ माता पीड़ाहारी दुर्गा मंदिर है। यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। माता पीड़ाहरी दुर्गा मंदिर देवस्थली के रूप में विकसित हो रहा है। बाबा वैद्यनाथ मंदिर देवघर की तर्ज पर इस मंदिर का विकास किया जा रहा है। दिनोंदिन यह मंदिर आस्था के नए केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।

बोले ग्रामीण

पूर्व प्राचार्य प्रो. डीके ङ्क्षसह ने कहा कि हमारे पंचायत में प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय भी हैं। शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है। सरकार के प्रयास के बाद भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा सफेद हाथी साबित हो रहा है।

किसान प्रदुम्न सिंह ने कहा कि बदुआ डैम के मुख्य केनाल होने के बाद भी सिचाई डांढ की खुदाई एवं भ्रमति नहीं किए जाने से किसानों को सिंचाई की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। बावजूद नाले से सड़ांध भरी गंध लोगों का जीना कष्टकारक हो गया है। साफ सफाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

कहते हैं युवा

मौजमा गांव के आलोक कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि पंचायत में भी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। तभी पंचायती राज का सपना साकार होगा।

ललिता गांव के धर्मेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सरकार को पंचायत प्रतिनिधियों को और अधिकार देना चाहिए। हमारा एक ही सपना है- विकसित हो दुर्गापुर पंचायत अपना। गांव में खूलकूद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था सु²ढ़ करना चाहिए।

मुखिया जी के दावें

पंचायत के हर वर्ग के लोगों का सम्मान एवं पंचायत के सर्वांगीण विकास को लेकर हरसंभव प्रयास किए गए हैं। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगभग सभी वार्डों में गली नाली पक्कीकरण योजना का क्रियान्वयन कराया गया। पंचायत के 14 वार्ड में चार वार्ड में वार्ड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति द्वारा नल जल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। जहां निर्बाध रूप से जलापूर्ति हो रही है। शेष बचे 10 वार्ड में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा नल जल योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। जिन योजनाओं का क्रियान्वयन अधूरा पड़ा है, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। अगर पंचायत की जनता का दुबारा आशीर्वाद मिला तो दुर्गापुर पंचायत प्रखंड का सबसे विकसित पंचायत होगा।

हरिनंदन यादव, मुखिया, दुर्गापुर पंचायत  


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