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Durga Puja 2020 : मातारानी के मंदिरों के खुले पट, दर्शन पूजन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Durga Puja 2020 आज सुबह से ही श्रद्धालु मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं। आज मां के सातवें स्‍वरूप कालरात्री की पूजा हो रही है। इस दौरान मंदिरों में शारीरिक दूरी का भक्तजनों ने पालन किया। श्रद्धालु माता के दर्शन और पूजन करने के लिए पहुंचने लगे हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:22 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:22 PM (IST)
Durga Puja 2020 : मातारानी के मंदिरों के खुले पट, दर्शन पूजन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बिहपुर में स्‍थापित मां दुर्गा की प्रतिमा।

भागलपुर, जेएनएन। Durga Puja 2020 : शारदीय नवरात्र को लेकर बिहपुर समेत नवगछिया अनुमंडल का शहरी व ग्रामीण इलाका पूरी तरह से मां देवी दुर्गा की पूजा व भक्ति से सराबोर हो रहा है। बिहपुर के रेलवे इंजीनियरिंग दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को माता रानी के मंदिरों के पट खुल गए। माता की सातवें स्वरूप कालरात्री की अराधना एवं निशा पूजा पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुई। इस दौरान मंदिरों में शारीरिक दूरी का भक्तजनों द्वारा पालन किया गया। श्रद्धालु माता के दर्शन व पूजन करने के लिए मंदिरों में पहुंचने लगे हैं।

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कालरात्री की पूजा

माता का यह रूप रात के अंधकार के समान काला माना गया है, इसलिए इन्हें कालरात्री कहते  हैं। सिर पर  बाल बिखरे हुए हैं। ये रूप सभी डर को दूर करता है। यह शुभ फल देने वाली है। इन्हें शुभकारी भी कहते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को लेकर घर से लेकर मंदिर व पूजा पंडालों तक भक्तजन सरकार द्वारा जारी गाइड लाइंस का पालन करते नजर आए। हर कोई दर्शन पूजन के दौरान मास्क का भी उपयोग करते दिखे। मंदिरों में भी प्रबंध समितियों द्वारा लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए गाइड लाइंस के पालन की सूचना दी गई है। माइक से भी उन्हें गाइड लाइंस का अनिवार्य रूप से पालन किए जाने की जानकारी दी जा रही है। पंडित श्री शर्मा ने बताया शनिवार को माता के आठवें महागौरी स्वरूप के साथ साथ महाष्टमी पूजन व संधि बलि होगा।

बंग्ला पूजन परंपरानुसार महाअष्टमी से शुरू होगी

वहीं बिहपुर के रेलवे इंजीनियरिंग दुर्गा मंदिर में बंग्ला पूजन परंपरानुसार महाअष्टमी से दशमी पूजा तक होने वाली संध्या महाआरती भी शनिवार से शुरू हो जाएगा। बता दें कि इस महाआरती में माता के श्रद्धालु अपने हाथों में धुप लेकर बंग्ला ढाक पर थिरकते हुए मातारानी की संध्या आरती करते हैं। इस संध्या आरती में महिलाएं व कन्याएं भी गरबा व बंग्ला नृत्य के साथ शामिल होती है। वहीं इस बार कोरोना को लेकर मेला न लगने से माहौल में हल्का सूनापन नजर आ रहा  है।


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