शराबबंदी के बाद सीमांचल में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सीमांचल के जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। पूर्वोत्तर से सड़क मार्ग से तस्करी की जा रही है। देश भर में मादक पदार्थ खपाया जा रहा है।
कटिहार [नीरज कुमार]। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सीमांचल के जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। सीमांचल के चार जिलों में मादक पदार्थों की खेप कई बार पकड़ी गई है। तस्करी में स्थानीय अपराधी गिरोहों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है।
मादक पदार्थों की तस्करी कर अपराधी अपने गिरोह के लिए हथियार सहित अन्य संसाधन जुटाने का काम करते हैं। स्थानीय अपराधी गिरोह गंगा एवं कोसी के दियारा इलाकों को मादक पदार्थों का पिंग प्वाइंट के रूप में उपयोग कर रहे हैं। विषम भौगोलिक स्थिति के कारण पुलिस भी दियारा क्षेत्र में नहीं पहुंच पाती है।
बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के रास्ते गांजे की तस्करी बिहार के सीमांचल सहित देश के अन्य स्थानों पर की जा रही है। पूर्वोत्तर की ओर से आने वाली ट्रेनों से मादक पदार्थ को देश भर में खपाने का काम किया जा रहा है। रेलवे इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक कूचबिहार में तस्कर गिरोह सक्रिय है।
ट्रेनों में तलाशी के दौरान मादक पदार्थों की खेप तो पकड़ी जा रही है, लेकिन गिरोह का पूरी तरह उद्भेदन नहीं हो पाया है। वहीं असम के तिनसुकिया, गुवाहाटी एवं नागालैंड के दीमापुर से नारकोटिक्स की तस्करी ट्रक कंटेनर के माध्यम सेे देश के बड़े शहरों तक की जा रही है। पिछले एक वर्ष में रेल व स्थानीय पुलिस द्वारा गांजा तस्करी डेढ़ दर्जन मामले पकड़े गए हैं। अधिकांश मामलों में महज मादक पदार्थों की बरामदगी भर की जा सकी है।
जानकारी के मुताबिक ट्रेन के ब्रेक वान में तस्करी का गांजा आराम से बुक करा दिया जाता है। महत्वपूर्ण ट्रेनों की एसी बोगी से भी गांजे की खेप पकड़ी जा चुकी है। संबंधित स्टेशन पर गिरोह के एजेंट द्वारा मादक पदार्थों को उतार सड़क के रास्ते गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। पूर्वोत्तर की ओर से आने वाली माल लदे ट्रकों से गांजा, ब्राउन शुगर एवं हेरोइन को चमड़े के छोटेे बैग में पैक कर देश के बड़े शहरों में भेजा जाता है।
इस्लामपुर है तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट
बांग्लादेश एवं नेपाल से मादक पदार्थ की खेप पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर पहुंचाई जाती है। मादक पदार्थों की तस्करी के लिए इस्लामपुर को तस्कर गिरोह का ट्रांजिट प्वाइंट माना जाता हैं। इस्लामपुर से डिमांड के आधार पर मादक पदार्थों की खेप भेजी जाती हैं।
कटिहार उत्पाद अधीक्षक अरूण कुमार मिश्रा ने बताया कि शराबबंदी के मादक पदार्थों की तस्करी बढऩे संबंधी सूचना नहीं है। लेकिन नशे के रूप में कफ सीरप के उपयोग करने के मामले में विभागीय स्तर से सतर्कता बरती जा रही है।
हाल ही में रेल सुरक्षा बल के सहयोग से कटिहार स्टेशन परिसर से फेंसिड्रिल की खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया था। मादक पदार्थ एवं द्रव्य की तस्करी पर नजर रखने के लिए बंगाल सीमा से लगते इलाकों पर स्थानीय पुलिस के साथ चौकसी के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।