अब खेतों की भाग्यरेखा देख फसल तय करेगा ड्रोन, जानिए Bhagalpur News
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार डॉ. मु. असलम ने बताया कि ड्रोन को कृषि के क्षेत्र में लाया जा रहा है। यह किसानों के लिए खुफिया का काम करेगा।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]। खेती अब किसानों के लिए जुआ नहीं रहेगी। अब ड्रोन खेतों की भाग्यरेखा देखकर किसानों को बेहतर उत्पादन वाले फसल के बारे में जानकारी देगा। इस पर भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने काम शुरू कर दिया है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के किसान मेला में आए जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार डॉ. मु. असलम ने बताया कि ड्रोन को कृषि के क्षेत्र में लाया जा रहा है। यह किसानों के लिए खुफिया का काम करेगा। यह फसल तय करने में किसानों की मदद करेगा। इस पर तेजी से काम चल रहा है।
आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए हो रहा शोध
आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग आइआइटी मंडी के सहयोग से शोध कर रहा है। आने वाले समय में यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। आलू के किसानों के लिए लंबे समय का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इसके लिए यूके के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इसमें और भी देशों और आइआइटी को जोडऩे के लिए काम चल रहा है।
बायोटेक किसान हब योजना से किसानों को बनाया जा रहा उद्यमी
डॉ. मु. असलम ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बायोटेक किसान हब योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को उद्यमी बनाया जा रहा है। इस योजना को फिलहाल 115 जिलों में चलाया जाना है। इसमें से सौ जिले में इस पर काम शुरू हो गया है। 15 जिलों में किस तरह योजना चलाई जाए, इस पर विचार किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को फसलों में वेल्यू एडिशन करने की जानकारी दी जा रही है। इससे किसानों को लाभ मिलेगा। बिहार के छह जिलों अररिया, औरंगाबाद, कटिहार, खगडिय़ा, बांका और पूर्णिया में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से इसका संचालन हो रहा है। इसके तहत मखाना, शहद, केला और बकरी पालन में वेल्यू एडिशन करने की सलाह दी जा रही है। इससे गांव में रोजगार भी उपलब्ध होगा, इससे रोजगार के लिए लोगों को पलायन भी नहीं करना पड़ेगा।