आधार बनेगा फर्जीवाड़े के रोक का 'आधार', ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन रजिस्ट्रेशन में सख्ती
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आधार को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं। जिन्हें लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। सड़क यातायात मंत्रालय ने कुछ प्रस्ताव भी भेजे हैं।
भागलपुर, जेएनएन। अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहनों के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ऑनलाइन सेवाओं को आधार के दायरे में लाया गया है। फर्जी और डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य दस्तावेजों के फर्जीवाड़ा को रोकने की दिशा में यह कदम उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आधार को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं। जिन्हें लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। नए नियमों के अनुसार अब आधार के बायोमीट्रिक डेटा का इस्तेमाल नागरिकों को कुछ ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए किया जा सकेगा। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, ड्राइविंग लाइसेंस रीन्यू करवाने, वाहनों के पंजीयन करवाने और दस्तावेजों में पता बदलने जैसे कामों में इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
सड़क यातायात मंत्रालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ऑनलाइन सेवाओं को आधार के दायरे में लाया जाए। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने ये प्रस्ताव इसलिए दिया ताकि फर्जी और डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य दस्तावेजों के फर्जीवाड़ों को रोका जा सके।
आधार अनिवार्य होने पर बनी बनाए जा सकेंगे डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस
जुलाई 2019 में सरकार ने आधार एक्ट में संशोधन किया था और आधार को आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल करने को स्वैच्छिक बनाया था। अगस्त 2020 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नए नियम लाया। जिनके तहत केंद्र और राज्य सरकार के प्रस्ताव तैयार करने को कहे गए कि किन कामों के लिए आधार वरिफिकेशन चाहते हैं। सितंबर 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि यदि आधार को अनिवार्य कर दिया जाए तो डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनाए जा सकेंगे।
नए बन रहे ड्राइविंग लाइसेंस, गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक किया जा रहा है। पुराने डीएल व वाहनों के रजिस्ट्रेशन को भी आधार से लिंक करने की प्रक्रिया चल रही है। -अनिल कुमार, एमवीआइ, भागलपुर
बीमा दावा का लाभ लेने और आयकर देने से बचने के लिए एक व्यक्ति चालक या किसी दूसरे के नाम से गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराते हैं। गलत नाम पर डीएल बनवा लेते हैं। इस तरह के फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए आधार से लिंक करना अनिवार्य है। -प्रभात कुमार ओझा, विशेष लोक अभियोजक, आवश्यक वस्तु अधिनियम