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फि‍र इंटेकवेल से दूर हुई गंगा, कभी भी ठप हो सकती है पेयजल आपूर्ति

अत्यधिक गाद जमा हो जाने के कारण बरारी वाटर वर्क्स के इंटेकवेल की हलक सूखने लगी है। गत वर्ष दिसंबर में भंडारण की समस्या उत्पन्न हुई थी, इस बार अक्टूबर में गंगा की धारा दूर जाने लगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:50 AM (IST)
फि‍र इंटेकवेल से दूर हुई गंगा, कभी भी ठप हो सकती है पेयजल आपूर्ति
फि‍र इंटेकवेल से दूर हुई गंगा, कभी भी ठप हो सकती है पेयजल आपूर्ति

भागलपुर (जेएनएन)। गंगा के घटते जलस्तर व अत्यधिक गाद जमा हो जाने के कारण बरारी वाटर वक्र्स के इंटेकवेल की हलक सूखने लगी है। गत वर्ष दिसंबर में भंडारण की समस्या उत्पन्न हुई थी, लेकिन इस बार दो माह पूर्व अक्टूबर में ही गंगा की धारा दूर जाने लगी। इंटेकवेल में पानी स्तर मात्र छह फीट रह गया है। गंगा के मुख्य धार से वाटर वक्र्स तक पानी लाने की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था व इंटेकवेल में जमा गाद नहीं निकाला गया तो कभी भी पेयजल की आपूर्ति ठप हो सकती है। इससे तीन लाख लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ जाएगा। नदी का जलस्तर प्रतिदिन तीन से चार इंच घट रहा है। इसके कारण जगह-जगह टीला बन गया है। यह इंटेकवेल तक पानी पहुंचने में बाधक बन रहा है।

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इंटेकवेल से बढ़ी पानी भंडारण की समस्या

इंटेकवेल में पानी भंडारण के लिए जगह नहीं बची है। पानी की जगह उसमें गाद भरा हुआ है। इसकी सफाई नहीं कराई गई तो नदी का पानी इंटेकवेल तक नहीं पहुंच सकेगा। ढाई फीट गहरे गाद को तत्काल हटाने की जरूरत है। 80 एचपी मोटर पंप से एक से दो घंटा पानी खींचने के बाद मोटर बंद करना पड़ रहा है। ड्राइ इंटेकवेल के पाइप में गाद जमा होने से भंडारण की समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रति दिन 12 एमएलडी पानी का भंडारण ड्राई और वेट इंटेकवेल से किया जाता है। गाद के कारण ड्राई इंटेकवेल से छह के बदले चार एमएलडी पानी का भंडारण किया जा रहा है।

बनी योजना पर नहीं हुई कवायद

जनवरी में जलसंकट को लेकर नगर विकास विभाग ने टास्क टीम गठित कर समस्या निदान की जिम्मेवारी सौंपी थी। इसमें बुडको और पीएचडी विभाग के मुख्य अभियंता ने स्थल निरीक्षण और नौका विहार कर एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया था। बार-बार केनाल खोदकर पानी लाने के बजाय बरारी पुल घाट से इंटेकवेल तक पाइप से पानी पहुंचाने का निर्देश दिया था। इसके लिए मुंबई से एक्सपर्ट को बुलाया गया, डीपीआर और डिजाइन के लिए सर्वे भी हुआ। 10 माह बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था से पानी लाने की योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। बहरहाल इंटेकवेल तक पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके लिए गंगा की मुख्य धारा से वाटर वक्र्स तक पाइप बिछाने व चैनल बनाने की योजना बनाई गई थी। शहर को जल संकट से जूझने के लिए छोड़ दिया गया।

पैन इंडिया परियोजना के निदेशक राजीव मिश्रा ने कहा कि इंटेकवेल से नदी के जलस्तर दूर होने की समस्या से बुडको के अधिकारी को अवगत करा दिया है। ड्राई इंटेकवेल में पानी लेने में दिक्कत होने लगी है। पाइप से गाद निकालने के लिए वेक्यूम टेंकर मंगवाया जाएगा। छठ बाद जलसंकट गहरा सकता है। निर्देश मिलने पर वैकल्पिक व्यवस्था पर कार्य होगा।

मुख्य बातें

मात्र एक फीट रह गया है जलस्तर, कभी भी ठप हो सकती है पेयजल आपूर्ति

10 दिन में इंटेकवेल से सात मीटर दूर हुई नदी की जलधारा

पानी के साथ ड्राई इंटेकवेल में पहुंच रहा गाद, तीन एमएलडी भंडारण पर असर

इंटेकवेल से पर्याप्त मात्रा में जमा हुआ गाद, वेक्यूम टेंकर मंगाने की तैयारी

गंगा पुल घाट से इंटेकवेल तक पानी लाने की एक वर्षो में नहीं बनी योजना

पैन इंडिया ने बुडको के अधिकारी को समस्या से कराया अवगत, वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजार

प्रतिदिन घट रहा नदी का जलस्तर, छठ के बाद भंडारण की होगी समस्या

03 लाख लोगों के बीच पेयजल के लिए मच सकता है हाहाकार

वाटर वक्र्स को प्रतिदिन 12 एमएलडी पानी की आवश्यकता, जल शोधन बाद नौ एमएलडी की होती है आपूर्ति

पानी के साथ ड्राई इंटेकवेल में पहुंच रही मिट्टी, वेट इंटेकवेल में जमा हुआ गाद


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