'ग्रीन-टी' से कोरोना संक्रमितों की गुड मॉर्निंग, JLNMCH में भर्ती हैं 23 कोरोना पॉजिटिव मरीज
कोरोना की दवा अभी तक नहीं बनी है। लेकिन यहां चिकित्सकों ने दवा और अपने नुस्खे से स्वस्थ कर दिया। इसके लिए ग्रीन टी पीना भी लाभकारी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता इससे बढ़ती है।
भागलपुर [रजनीश]। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की गुड मॉर्निंग 'ग्रीन-टी' के साथ हो रही है। इन्हें सुबह-शाम ग्रीन टी दी जा रही है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ग्रीन-टी कारगर है। जेएलएनएमसीएच में 43 कोरोना संक्रमित भर्ती किए गए थे, जिनमें से 20 ठीक होकर घर जा चुके हैं। यहां मरीजों के ठीक होने की दर 50 फीसद है। अब तक मृत्यु दर शून्य है। अस्पताल से हर दूसरे-तीसरे दिन स्वस्थ हुए मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है। दवा के साथ-साथ चिकित्सकों का अनुभव भी मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर : प्रसिद्ध चिकित्सक सह कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. हेमशंकर शर्मा ने बताया कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले शरीर में कोरोना वायरस का प्रभाव तेज होता है। यह वायरस तेजी से फैलकर अंदर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इससे संक्रमित मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है और फ्लू के लक्षण आने लगते हैं। इसलिए मरीज को ग्रीन टी दी जा रही है। एक दिन में एक से दो बार ग्रीन टी पीने से शरीर का तापमान और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। उन्होंने कहा कि यहां भर्ती मरीजों को उनकी रुचि के अनुसार खाना-पीना दिया जा रहा है। किसी को सुबह में चाय-ब्रेड तो किसी को ग्रीन-टी मिल रही है।
औषधीय गुण और विटामिन सी की मात्रा ज्यादा : न्यूट्रीशियन डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि अब ज्यादातर लोग ग्रीन-टी पसंद करते हैं। इसकी वजह इसमें कई औषधीय गुणों का पाया जाना है। इसमें विटामिन-सी के अलावा एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं। पाचन तंत्र ठीक रहता है। इसमें शामिल ऑक्सिडेंट बैक्टीरिया को समाप्त करने में कारगर हैं। कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लडऩे के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता होना जरूरी है।
केस स्टडी एक : तीन मई को अस्पताल में भर्ती झारखंड के जामताड़ा के मरीज को 12 मई को डिस्चार्ज किया गया। मरीज ने बताया था कि अस्पताल में उनका पूरा ख्याल रखा जाता था। ग्रीन-टी हर दिन मिलती थी। मरीज का कहना था कि कोरोना की दवा अभी तक नहीं बनी है। लेकिन, यहां चिकित्सकों ने दवा और अपने नुस्खे से स्वस्थ कर दिया।
केस स्टडी दो : अभी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज को ग्रीन-टी दी जा रही है। जल्द ही इन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इन्हें दवा के साथ अन्य प्रतिरोधक क्षमता वाले पेय पदार्थ दिए जा रहे हैं। बेहतर डाइट के कारण ही संक्रमण के बाद एक रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोरोना का वायरस अटैक धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है।