Srijan scam: डीआरडीए मामले की सुनवाई अब 29 सितंबर को, इन बैंकों पर पर कार्रवाई की तैयारी
सृजन मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा पर 40 करोड़ 18 लाख व इंडियन बैंक पर 49 लाख 64 हजार रुपये का है क्लेम।
भागलपुर, जेएनएन। डीआरडीए में हुए सृजन घोटाला की सुनवाई डीडीसी सुनील कुमार के यहां शुरू हो गई है। सुनवाई की नई तिथि 29 सितंबर रखी गई है। इसके पूर्व डीडीसी जुलाई में बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक से जुड़े मामले की सुनवाई की थी। बैंक ऑफ बड़ौदा पर 40 करोड़ 18 लाख व इंडियन बैंक पर 49 लाख 64 हजार रुपये का क्लेम किया गया है। मंगलवार को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन डीडीसी के नहीं रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। डीडीसी के यहां से सुनवाई की अगली तिथि 29 सितंबर मुकर्रर कर दी गई है। डीआरडीए ने दोनों बैंकों से वसूली के लिए नीलामपत्र वाद दायक किया गया है। आरोप है कि डीआरडीए का खाता इंडियन बैंक में है। तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने सुनियोजित तरीके के डीआरडीए का पैसा सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में जमा कर दिया। डीआरडीए ने उक्त राशि की मांग दोनों ही बैंकों से की। राशि नहीं मिलने पर दोनों ही बैंकों के खिलाफ नीलामपत्र वाद दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई। बैंकों की ओर से अधिवक्ता केशव झा ने कहा कि डीआरडीए से जुड़ा मामला है और डीडीसी सुनवाई कर रहे हैं। ऐसे में फैसला पक्षपात होने की संभावना है। सृजन घोटाले में बड़े से बड़े अधिकारी फंस रहे हैं।
अगस्त 2017 में हुआ था घोटाला उजागर
अगस्त 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला एक चेक बैंक ने वापस कर दिया था। बैंक ने कहा था कि खाते में पर्याप्त रुपये नहीं हैं। इसके बाद डीएम ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई। जांच में पता चला कि इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित सरकारी खातों में रुपये नहीं हैं। इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गई है। इसके बाद घोटाले की परतें खुलनी शुरू हो गई। लगभग 21 सौ करोड़ के गबन उजागर हुआ ।
सरकारी राशि की होती थी हेराफेरी
कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय खातों में न जाकर, सृजन महिला विकास सहयोग समिति के छह खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी। फिर इस एनजीओ के कर्ताधर्ता जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि की हेराफेरी करते थे।
सीबीआइ कर रही जांच
सृजन घोटाला मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। जिला परिषद ने सीबीआइ को सभी कागजात सौंप दिए है। सीबीआइ अधिकारी स्थल पर आकर भी जांच कर चुकी है। घोटाले में शामिल कर्मियों पर विभागीय कार्यवाही भी चल रही है।