याद किए गए डॉ लक्ष्मीकांत सहाय, 'डॉक्टर साहब का ठहाका हम कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर देता था'
भागलपुर चिकित्सा जगत के पितामह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरोधा डॉ. लक्ष्मीकांत सहाय का निधन भागलपुर में 26 जुलाई 2020 की मध्य रात्रि को हो गया था।
भागलपुर, जेएनएन। राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ से जुड़े तमाम संगठनों की ओर से आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में शोकसभा का आयोजन किया गया। शोकसभा में संघ के पूर्व सह प्रांत संघचालक डॉ. एलके सहाय को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनकी तस्वीर पर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत संघ गीत से हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रचार प्रमुख हरविंद नारायण भारती ने कहा कि डॉक्टर साहब की प्रेरणा संगठन और कार्यकर्ताओं को सदैव ऊर्जा प्रदान करेगी। जिला संघचालक डॉ. राणा प्रताप ने कहा कि डॉ. एलके सहाय बेबाक बोलने वाले अजातशत्रु थे। प्रांत बौद्धिक प्रमुख बालमुकुंद गुप्ता ने कहा कि डॉ. सहाय अध्ययनशील व चिंतनशील स्वयंसेवक थे, जिसका अनुकरण स्वयंसेवकों को करना चाहिए। स्कूल के प्राचार्य अनंत सिन्हा ने कहा कि विद्यालय के निर्माण में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। क्षेत्र प्रचारक प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि डॉ. सहाय धैर्यवान व्यक्ति थे। प्रांत प्रचारक राणा प्रताप ने कहा कि हमारे और उनके संबंध दादा-पोते का था। डॉक्टर साहब का ठहाका हम कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर देता था।
भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय ने कहा कि डॉ लक्ष्मीकांत सहाय ने जिस प्रकार अपना जिया, वह सभी के लिए अनुकरणीय हो गया। आज हमलोग उनके जीवन से प्रेरणा ले रहे हैं। उनके जीवन के हरेक पहलू सभी के लिए प्रेरणादायी हैं। उनके निधन से एक निष्ठावान स्वयंसेवक का अंत हो गया।
श्रद्धांजलि देने वालों में आरएसएस के भागलपुर विभाग प्रचारक विजयेंद्र, गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य रामजी लाल, कृष्ण कुमार खेतान, पवन गुप्ता, अजीत घोष आदि थे।
कोरोना काल में आयोजित इस शोकसभा में लगभग दो दर्जन लोगों को ही बुलाया गया था। कार्यक्रम में शारीरकि दूरी का पालन किया गया।
यहां बता दें कि भागलपुर चिकित्सा जगत के पितामह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरोधा डॉ. लक्ष्मीकांत सहाय का निधन पिछले दिनों हो गया था। वे 89 वर्ष के थे। वे पिछले छह माह से बीमार थे। उनका निधन भागलपुर में 26 जुलाई 2020 की मध्य रात्रि को हो गया था। उनके पुत्र राजेश सहाय ने मुखाग्नि देकर 28 जुलाई को बरारी श्मशान घाट के विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया था। वे जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में आंख, नाक, कान और गले संबंधी रोगों के विभागाध्यक्ष भी रहे थे।