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एनसीडी रोगियों की पहचान के लिए पूर्णिया में चलेगा घर-घर अभियान, पीएचसी स्तर पर होगी नियमित जांच की सुविधा

एनसीडी रोगियों की पहचान के लिए पूर्णिया में घर-घर अभियान चलेगा। रोगियों की पहचान के लिए जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें फैमिली फोल्डर और सी- बैक फार्म भरने की जानकारी दी गई। साथ ही संदिग्ध रोगियों की पीएचसी स्तर पर जांच की सुविधा होगा।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 12:44 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 12:44 PM (IST)
एनसीडी रोगियों की पहचान के लिए पूर्णिया में चलेगा घर-घर अभियान, पीएचसी स्तर पर होगी नियमित जांच की सुविधा
एनसीडी रोगियों की पहचान के लिए पूर्णिया में घर-घर अभियान चलेगा।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में गैर संचारी रोगों के उपचार और रोगी पहचान के लिए अभियान की शुरूआत की गई है। रोगियों की पहचान के लिए जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. विष्णु अग्रवाल ने बताया कि जिले में एनसीडी रोगियों को चिह्नित किया जाएगा और पीएचसी स्तर पर जांच और आवश्यकता हुई तो पहचान और उपचार किया जाएगा। इसके लिए सभी कर्मियों को प्रशिक्षण कई चरणों में पूर्ण किया गया है। इसमें फैमिली फोल्डर और सी- बैक फार्म भरने की जानकारी दी गई।

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घर -घर होगा सर्वे

आशा कर्मियों को घर-घर जाकर सर्वे करना है। 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली जाएगी। आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र की एएनएम को जानकारी उपलब्ध करायेंगे। एएनएम सभी जानकारी एनसीडी पोर्टल पर दर्ज करेगी। जांच के बाद मरीज को चिह्नित कर उसको चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध करवाई जाएगी। आवश्यकता होने पर रेफर किया जाएगा। आशा कर्मियों को अपने क्षेत्र के लोगों की फैमिली फोल्डर और सी-बैक फार्म (समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र) भरा जाएगा। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर आदि की जानकारी भरी जाएगी। ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी। मुफ्त औषधि भी प्रदान किया जाएगा। कैम्प का आयोजन किया जाएगा। गैर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों का प्रत्येक छह माह पर आशा फालोअप करेगी।

लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है गैर-संचारी रोग

गैर संचारी रोग लंबे समय तक रहने वाली बीमारी होती है। जिसका समय रहते उपचार बहुत जरूरी है। गैर संचारी रोगों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), मधुमेह (डाइबिटीज), कैंसर, मोतियाङ्क्षबद, हृदय रोग, अल्जाइमर आदि हो सकते हैं। 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ऐसी बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है। लोगों को इससे बचाव के लिए नियमित तौर से स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आशा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले में गैर संचारी रोगों की नियमित जांच के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से क्लिनिक भी संचालित होगा। जहां लोग प्रतिमाह नि:शुल्क जांच करवा सकते है। जीएमसीएच के एनसीडी विभाग में नियमित ऐसे रोगियों की जांच की जाती है और दवा दी जाती है।


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