Move to Jagran APP

गंगा के गाद की सफाई में डॉल्फिन सेंचुरी बनी बाधा

वन विभाग ने डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र में गाद की सफाई पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:50 PM (IST)
गंगा के गाद की सफाई में डॉल्फिन सेंचुरी बनी बाधा
गंगा के गाद की सफाई में डॉल्फिन सेंचुरी बनी बाधा

भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। गंगा में गाद भर जाने से जल क्षेत्र घटता जा रहा है। कछार वाले हिस्से में खेती की जा रही है। पर्यटन और अंतरराज्यीय व्यवसायिक जलमार्ग के रूप में इस्तेमाल होने वाली गंगा नदी में फरक्का से सुल्तानगंज तक भर रहे गाद को साफ करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सुल्तानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन सेंचुरी बाधा बन रही है। वन विभाग ने डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र में गाद की सफाई पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। इस कारण फरक्का से कहलगांव सीमा तक गंगा में गाद की सफाई कराई जा रही है। सफाई अभियान में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अलावा निजी कंपनियों को भी लगाया गया है।

prime article banner

-------

गंगा की लहर जहां उफान मारा करती थी, अब वहां मकई उपजा रहे लोग

--------

सुल्तानगंज से कहलगांव के बीच जिस क्षेत्र को डॉल्फिन सेंचुरी का क्षेत्र माना गया है। उस क्षेत्र में अधिकांश भाग पर गाद के ऊंचे-ऊंचे टीले उग आए हैं। उस क्षेत्र में स्थानीय आबादी मकई, सब्जी, पशु चारा उपजा रही है। छाड़न बनने से पहले ही इस क्षेत्र से डॉल्फिन नवगछिया क्षेत्र में कलकल बह रही गंगा की धार में प्रवेश कर चुकी है। सेंचुरी का अधिकांश क्षेत्र बालू और मिट्टी के टीले में तब्दील हो चुका है। ऐसे क्षेत्र में गंगा की सफाई ड्रेजर मशीन से कराने से फिर से गंगा की धार इस दिशा में आ सकती है। फिर आबादी से सटे गंगा तट में गंगा की धारा लौट सकती है। इसको लेकर ही गाद सफाई अभियान चलाया जा रहा है। सुल्तानगंज, अकबरनगर, नाथनगर, बूढ़ानाथ, खंजरपुर, मायागंज, बरारी, मीराचक में आधी गंगा गाद से चौर में बदल चुकी है। जहां कहीं कसाल, कहीं फसलें लहलहा रही है। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण व्यवसायिक और पर्यटक जहाजों का परिचालन नवगछिया की ओर बहने वाली गंगा क्षेत्र से करा रही है जहां पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। लेकिन गंगा के आधे क्षेत्र के चौर में तब्दील होने से इस मार्ग की चौड़ाई कम है।

-------

डॉल्फिन संरक्षण के नाम पर कई फर्जी संस्थान विदेशों से मंगा रहे पैसे

------

गंगा गाद के भर जाने से आधे भाग में चौर में बदल रही है। वहीं डॉल्फिन संरक्षण के नाम पर अंग क्षेत्र में कई ऐसे फर्जी संस्थान भी सक्रिय हैं जो विदेशों से इसके संरक्षण के नाम पर पैसे मंगा कर डकार रहे हैं। गंगा और गंगा के जीवों पर शोध करने वाली छात्रा इलाना मिलेम, बेनेरिस और छात्र ब्रूनों बेरजे ने पूर्व में भी ऐसे कई कथित संरक्षक और संस्थानों का सच सामने ला चुके हैं।

-----

कोट

फरक्का से कहलगांव सीमा तक गंगा नदी में गाद सफाई अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान सुल्तानगंज तक चलाया जाना है। लेकिन वन विभाग डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र में गाद साफ कराने पर आपत्ति जताई है।

प्रशांत कुमार, उप निदेशक, भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.