कुत्ते की वफादारी से छलके मालिक के आंसू, जान देकर बचाई जहरीले सांप से जान
भागलपुर के नवगछिया इलाके में आज एक कुत्ते की वफादारी की चर्चा होती रही। कुत्ते ने अपनी जान देकर अपने गृहस्वामी को बचाया।
भागलपुर [मिथिलेश कुमार]। कुत्ते की वफादारी के चर्चे सदियों से चलते आ रहे हैं। कई मौको पर कुत्तों ने अपनी जान देकर अपने मालिक की जान बचाई है। ऐसा ही एक वाकया नवगछिया में हुआ, जहां कुत्ते ने अपनी जान देकर अपने मालिक की जान बचाई। कुत्ते की इस वफादारी से मालिक के साथ पड़ोसियों की आंखों में भी आंसू आ गए।
कुत्ते की कुर्बानी की घटना नवगछिया जिले के बिहपुर प्रखंड की है, जहां पर एक कुत्ते ने मालिक के घर में घुस रहे विषैले सांप गेहूवन से लड़ते-लड़ते दम तोड़ दिया। साथ ही विषैले सांप को भी मार दिया। जब घर के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वे लोग भागे-भागे दरवाजे तक पहुंचे। दरवाजे के बाहर उनका कुत्ता मरा पड़ा था और वहीं दूसरी तरफ जहरीला सांप भी मरा पड़ा था। इस कुत्ते ने वफादारी की उम्दा मिसाल कायम की है।
झंडापुर निवासी गौरव कुंवर सोमवार की सुबह जगे तो अपने बगीचे में डॉगी लूसी (पालतू कुत्ता) को आवाज लगाई। जब वह नहीं आई तब गौरव इधर-उधर देखने लगे। कुछ ही दूरी पर जमीन पर पड़े लूसी को उन्होंने देखा। वहीं बगल में एक लंबे विषैले गेंहुअन सांप भी था। सांप और लूसी दोनों की मौत हो चुकी थी। दोनों की मौत से गौरव को सारा माजरा समझ में आ गया। गौरव ने बताया कि लूसी उसके घर के सदस्य की तरह थी।
वफादार कुत्ता को देखने पहुंचे लोग
इस घटना की सूचना गांव सहित जिले में आग की तरह फैल गई। हर ओर कुत्ते की वफादारी की चर्चा होने लगी। वफादार कुत्ता को देखने बड़ी संख्या में लाेग गोरव के बगीचे में पहुंचे। लोगों ने देखा कि कोबरा ने लूसी को कई बार डंसा था। शरीर में कई जगह जख्म के निशान थे। लोग आपस में चर्चा कर रहे थे कि इस कुत्ते ने अपने स्वामी की रक्षा की है। शायद कोबरा घर में प्रवेश करना चाह रहा होगा, इसी को रोकने के लिए कोबरा और लूसी में युद्ध हुआ होगा। अगर कोबरा घर में प्रवेश कर जाता तो किसी बड़ी अनहोनी की घटना होती।
गौरव बिहपुर प्रखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि 2009 में लूसी को वे मुंबई से लाए थे। उस समय उसकी उम्र महज एक दो माह की थी।