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लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे दोनों, शारीरिक संबंध बनाया, मांग भी भरी... फ‍िर

पीडि़ता नर्स का कहना है वह गर्भवती हो गई थी। लेकिन विवेक ने उसने दवाई खिलाकर गर्भपात करा दिया। इसके बाद कहने लगा बिना दहेज के उसके घर वाले शादी नहीं करेंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 11:38 PM (IST)
लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे दोनों, शारीरिक संबंध बनाया, मांग भी भरी... फ‍िर
लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे दोनों, शारीरिक संबंध बनाया, मांग भी भरी... फ‍िर

भागलपुर [जेएनएन]। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर विवेक कुमार पर एक नर्स ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। वह सर्जरी विभाग में द्वितीय वर्ष का छात्र है। वह मूलरूप से पटना के मसौढ़ी, कुम्हार टोली का रहने वाला है। पीडि़ता ने इस मामले में उसके भाई और मां पर भी जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। मामले में बरारी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे दोनों

पीडि़ता का आरोप है कि डॉक्टर ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद शादी की बात पर उसने आदमपुर में एक सेवानिवृत पुलिस अधीक्षक के मकान में किराए पर कमरा लिया। वहीं डॉक्टर ने उसकी मांग में सिंदूर भर दिया और कहा कि जब तक परिवार वाले नहीं मानते यह बात वह किसी से नहीं कहे। अचानक घर के दबाव ने विवेक ने तीन नवंबर को उसे छोड़ दिया। इसके बाद शादी से इंकार करने लगा। पीडि़ता के मुताबिक उसे विवेक के भाई, मां समेत अन्य लोगों ने कई तरह से धमकियां दी।

गर्भपात भी कराया

पीडि़ता का कहना है वह गर्भवती हो गई थी। लेकिन विवेक ने उसने दवाई खिलाकर गर्भपात करा दिया। इसके बाद कहने लगा बिना दहेज के उसके घर वाले शादी नहीं करेंगे। वहीं उसने विवेक की मां पर आरोप लगाया है कि वह छोटी जाति की है। इस कारण उससे बेटा शादी नहीं कर सकता। पुलिस ने इस मामले में एससी, एसटी अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया है।

नर्स ने दिसंबर में ही दी थी अधीक्षक को यौन शोषण की जानकारी
जेएलएनएमसीएच में पदस्थापित नर्स ने पीजी कर रहे डॉ. विवेक कुमार द्वारा शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप की लिखित जानकारी अस्पताल अधीक्षक को दिसंबर में ही थी थी। आरोप लगाया था कि डॉक्टर के भाई और मां ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। 31 दिसंबर को डॉ. विवेक कुमार को अधीक्षक ने बयान देने के लिए बुलाया लेकिन केवल नर्स ने ही अपना बयान दिया। डॉ. विवेक उपस्थित नहीं हुए। सात जनवरी को लैंगिक उत्पीडऩ निवारण कमेटी के सदस्य शबाना दाउद को अधीक्षक ने मामला भेज दिया। शबाना दाउद ने जारी बयान में कहा कि घटना की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को दे दी गई है।


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