सड़क पर चलते समय मोबाइल का इस्तेमाल, आपके लिए है जानलेवा
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो हर साल मोबाइल और ईयरफोन के इस्तेमाल के चलते 21000 से अधिक जानें दुर्घटना में चली जाती हैं।
भागलपुर (जेएनएन)। आमतौर पर सड़क पर चलते समय सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है, लेकिन अमूमन लोग सड़क पर ही सभी गैर जरूरी काम करते हैं। इसमें सभी तरह के तनाव से लेकर मनोरंजन करना भी शामिल हैं। मोबाइल का जमाना आया है तबसे मोबाइल पर बात करते समय गाड़ी चलाना या कानों में ईयरफोन लगाकर मनोरंजन करना आम बात हो गई है। सड़क पर चलते वक्त अक्सर लोग भूल जाते हैं कि थोड़ी सी लापरवाही में जान जोखिम में चला जाएगा। इतना तो सीख ही लें कि सड़क पर सुरक्षित तरीके से कैसे चलें। ड्राइविंग करते समय हेलमेट या सीट बेल्ट जरूर लगाएं। सिग्नल देखकर ही चौराहों को पार करें। इसके साथ ही एक अहम बात जरूरी है जिस पर हम ध्यान नहीं देते वो है ईयर फोन का इस्तेमाल न करना। ड्राइविंग करते समय या सड़क पर चलते समय ईयरफोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
जिले में कई ऐसे हादसे हुए हैं जिसकी वजह ईयरफोन बने हैं। तमाम छात्र सड़क पर साइकिल या बाइक ईयरफोन लगाकर चलाते हुए देखे जा सकते हैं। हेडफोन लगाकर सड़कों पर घूमना, रेलवे ट्रैक पार करना या दोपहिया और चार पहिया वाहन और यहां तक कि साइकिल या रिक्शा चलाना फैशन बन गया है। पुलिस जब चालान करती है तब सिफारिश शुरू हो जाती है। पुलिस का कहना है कि कई बार बसों तक में तेज आवाज में टेप रिकार्डर आदि चलने के कारण हादसे हो चुके हैं। इसलिए लोगों को समय-समय पर इसके लिए आगाह किया जाता रहता है।
एक अध्ययन में पता चला है कि भारत में प्रत्येक 10 में से 3 व्यक्ति वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं या गाने सुनते हैं। ऐसे लोग हादसे में या तो जान गंवा देते है या शरीर का कोई अंग गंवा बैठते हैं। ऐसे हालत में लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा और पुलिस को भी खुद की भूमिका से न्याय करना होगा।
यात्रा के दौरान क्यों न करें मोबाइल का इस्तेमाल : जिला परिवहन पदाधिकारी राजेश कुमार बताते हैं कि वाहन पर बैठते ही चालकों की मानसिकता में अचानक परिवर्तन हो जाता है। अधिकांश युवा चालक रफ्तार से बाइक चलाते हैं। वे न सिर्फ मोबाइल पर बात करते हैं बल्कि ईयर फोन लगाकर गाने भी सुनते हैं। जबकि बंद कार में तेज आवाज में गाने सुनने का प्रचलन भी बढ़ा है। इतना ही नहीं सड़क पर पैदल चलते वक्त भी कुछ राहगीर ईयर फोन लगाए रहते हैं। ईयर फोन, मोबाइल अथवा कार में तेज आवाज में गाने सुनने के दौरान चालक आसपास की परिस्थितियों का आकलन नहीं कर पाता। इससे सड़क हादसे हो जाते हैं।
तेज संगीत ले सकता है जान : कई बार कार में तेज संगीत बजाना महंगा पड़ जाता है, इससे चालक को आसपास वाहनों की आवाज नहीं सुनाई देती है। मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश तिवारी के अनुसार कई बार कार चलाते समय तेज आवाज संगीत गाड़ी की रफ्तार पर भी असर डालता है।
सह यात्रियों संग बातचीत से भटकता है ध्यान : साथ चल रहे यात्रियों से बातचीत सड़क पर फोकस डालने से भटकाती है। ऐसा करने से न सिर्फ दुर्घटना को बढ़ावा देते हैं बल्कि बहकावे या भड़काने पर गाड़ी की रफ्तार के साथ जानलेवा खेल खेलते हैं।
हर साल मोबाइल लेता है 21000 जानें : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो हर साल मोबाइल और ईयरफोन के इस्तेमाल के चलते 21000 से अधिक जानें दुर्घटना में चली जाती हैं।