त्योहारों में बढ़ जाता है खाद्य पदार्थो में मिलावट का खेल
त्योहारों में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने का खेल बढ़ जाता है। इसमें शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार भी शामिल हैं।
भागलपुर। त्योहारों में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने का खेल बढ़ जाता है। इसमें शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार भी शामिल हैं। दीपावली के मौके पर मिठाइयों में मिलावट खूब होती है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दुकानों में छापेमारी करते हैं, लेकिन यह केवल खानापूर्ति भर ही है। जिले में एक हजार से ज्यादा खाद्य सामग्रियों की दुकानें हैं, लेकिन एक दर्जन दुकानों में भी छापेमारी नहीं की जाती। खाद्य पदार्थो में मिलावट पकड़े जाने पर भी दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाती है। मिलावट की सामग्री
मुंगफली के तेल में सरसों तेल, मिठाई में चीनी के बदले रंग, सैकरीन और वर्क, दूध में पानी के अलावा यूरिया खाद, लड्डू में रंग, पनीर में स्टार्च, आइसक्रीम में कपड़ा धोने का पाउडर, शुद्ध घी में वनस्पति घी सहित अन्य खाद्य सामग्रियों में मिलावट की जाती है। कैसे करें मिलावटी खाद्य पदार्थो की पहचान
मिठाई में चीनी के बदले सैकरीन देने से स्वाद ज्यादा देर तक रहेगा। घी में मिलावटी तेल डालकर बनी मिठाइयों में चिपचिपापन रहता है। दूध में मिलावट करने पर अगर दूध फर्श पर गिराया जाए तो बिना निशान छोड़े तेजी से बहता है, जबकि बिना मिलावट का दूध निशान छोड़ते हुए धीरे-धीरे बहता है। रंग लगी मिठाई खाने पर जीभ में रंग का अंश रह जाता है।
कैंसर सहित पेट की बीमारी का खतरा
फिजीशियन डॉ. शांतनु घोष का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थो के लगातार सेवन से कैंसर जैसी चर्म रोग के अलावा खतरनाक बीमारी होने की आशंका रहती है। लीवर में वसा जमा हो जाता है। इससे मोटापा, मधुमेह, बीपी आदि होगा। वहीं सरसों तेल में मिलावट से नर्व को नुकसान होगा। रक्त प्रवाह प्रभावित होगी। मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से संक्रमण होने से उल्टी, डायरिया आदि बीमारियां होती हैं। दुकानदारों पर नहीं हुई कार्रवाई
गत वर्ष 15 दुकानदारों पर मिलावटी खाद्य सामग्रियां बेचने के लिए जिम्मेवार पाया गया। इनमें छोटे बड़े होटल से लेकर फूटपाथ के दुकानदार तक शामिल हैं। दही, मिठाई, तेल, आटा, मसाला आदि खाद्य सामग्रियों में मिलावट पाई गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा खाद्य सामग्रियों के नमूने लेकर जांच के लिए पटना भेजा गया। जांच रिपोर्ट में मिलावट होने के प्रमाण भी मिले, लेकिन अभी तक किसी दुकानदार पर कार्रवाई नहीं हुई। क्या है प्रावधान
खाद्य सामग्रियों में मिलावट साबित होने पर तीन लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक जुर्माना के साथ ही दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। अगर मिलावटी खाद्य सामग्रियों के खाने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो 10 लाख रुपये जुर्माना के साथ आजीवन कारावास भी हो सकता है। इसके अलावा अगर रैपर में अंकित बैच संख्या धुंधला है और पढ़ने परेशानी रही है तो ऐसे दुकानदारों को भी धारा 52 के तहत तीन लाख रुपये जुर्माना करने का प्रावधान है।
कोट :
एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास चार जिले हैं। इन जिलों में खाद्य पदार्थो की दुकानों में छापेमारी की जाती है। सुरक्षा नहीं मिलने पर दुकानदारों के कोपभाजन का भी शिकार होना पड़ता है। त्योहारों में मुख्यालय (पटना) से छापेमारी का आदेश दिया जाता है।
मो. इकबाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी