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सृजन घोटाला : बैंकों से राशि वसूली के जिला कल्याण विभाग करेगा मनी सूट Bhagalpur News

इसके पूर्व मनी सूट के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी गई थी और अनुमति मिल भी गई थी लेकिन राशि नहीं मिलने के कारण मनी सूट दायर नहीं किया जा सका है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 09:05 AM (IST)
सृजन घोटाला : बैंकों से राशि वसूली के जिला कल्याण विभाग करेगा मनी सूट Bhagalpur News
सृजन घोटाला : बैंकों से राशि वसूली के जिला कल्याण विभाग करेगा मनी सूट Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। कल्याण विभाग ने 241 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की वसूली के लिए संबंधित बैंकों पर मनी शूट दायर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने विभाग से पांच लाख रुपये की मांग एक सप्ताह पूर्व की है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति विभाग से ढाई लाख और पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग विभाग से ढाई लाख रुपये की मांग की गई है। राशि की मांग जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा खुद विभाग जाकर की गई है। राशि के एक सप्ताह में मिल जाने की संभावना है। राशि मिल जाने के बाद मनी सूट किया जाएगा। इसके पूर्व मनी सूट के लिए मुख्यालय से अनुमति मांगी गई थी और अनुमति मिल भी गई थी, लेकिन राशि नहीं मिलने के कारण मनी सूट दायर नहीं किया जा सका है। विभाग की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई एक अक्टूबर को होनी है।

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सृजन घोटाले से जुड़े सभी विभागों को मनी सूट दायर करने का निर्देश

जिला कल्याण विभाग ने कुछ माह पूर्व नीलामपत्र वाद दायर करने के बाद मनी सूट दायर करने का निर्णय ठंडे बस्ते में डाल दिया था। कहा जा रहा था कि नीलामपत्र वाद दायर होने के बाद मनी सूट दायर करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन डीएम ने सृजन घोटाले से जुड़े सभी संबंधित विभाग को हर हाल में मनी सूट दायर करने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश के आलोक में जिला कल्याण विभाग द्वारा अब मनी सूट दायर करने का निर्णय लिया है। वहीं, जिला नजारत की ओर से सारी तैयारी रहने के बावजूद मंगलवार को मनी सूट दायर नहीं किया गया। अगले एक-दो दिनों विभाग की ओर से मनी सूट दायर किए जाने की संभावना है।

इलाज के दौरान महेश मंडल की हो गई थी मौत

जिला कल्याण विभाग में 2007 से अगस्त 2017 के बीच जिला कल्याण पदाधिकारी के रूप में राम लला सिंह, ईश्वर चंद, ललन सिंह और अरुण कुमार कार्यरत थे। जबकि, कर्मचारी के रूप में महेश मंडल सहित दो अन्य कर्मी की भूमिका संदिग्ध थी। महेश मंडल सृजन घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। घोटाला उजागर होने के बाद पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ सीबीआइ जांच कर रही है।


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