Digvijay Vs Nitish: दिग्विजय सिंह के CM नीतीश पर दिए बयान पर भड़के ललन सिंह, बोले- सिकुड़ती कांग्रेस पर दें ध्यान
Digvijay Vs Nitish लखीसराय पहुंचने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर वे पूरे आक्रोश में दिखे। कहा कि वे अपने पार्टी को बचा नहीं पा रहे हैं। सिर्फ दूसरे को नसीहत देते हैं।
जागरण संवाददाता, लखीसराय। Digvijay Vs Nitish: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गई टिप्पणी पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुंगेर सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह काफी आगबबूला हो गए। वे काफी गुस्से में हैं। लखीसराय में उन्होंने कहा कि दिग्विजय बाबू का सूर्य अस्त हो चुका है। उनका पार्टी में ही कोई अस्तित्व नहीं है। वे अब सिर्फ लड़खड़ाते बयानों के लिए ही जाने जाते हैं। वे अपने ही बयानों का दूसरे दिन खंडन करते हैं और पार्टी भी निजी राय बताकर पल्ल झाड़ लेती है। वे खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के सामने उनकी राजनीतिक उपलब्धि शून्य के बराबर है। कांग्रेस के ऐसे नेताओं के कारण ही पार्टी देश के अंदर सिकुड़ती जा रही है। दिग्विजय सिंह को सिकुड़ती कांग्रेस पर ध्यान देने की जरुरत है। वे अपनी पार्टी को मजबूत करें, जो पूरे देश से साफ हो रही है। अपना घर तो वे संभाल नहीं पाए।
यहां बता दें कि दिग्विजय सिंह ने पिछलों दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार 'पीएम मटेरियल' हैं तो बिहार में क्या कर रहे हैं?
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कई आरोप लगाए थे। कहा कि केंद्र सरकार सूट-बूट की सरकार है। सकरारी की नीतियां सिर्फ कारपोरेट घरानों पर आधारित हैं। महंगाई पर सरकार को कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस इस पर संसद में चर्चा करना चाहती थी, लेकिन सरकार बात करना नहीं चाहती।
बिहार के सीएम को लेकर यह कहा
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बिहार के विश्वविद्यालयों से राम मनोहर लोहिया और जेपी के विचारों को बाहर कर दिया गया है। उनके विचार अब पाठ्यक्रमों में नहीं हैं। भाजपा के इशारों पर नीतीश कुमार यह काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने भाजपा का हाथ पकड़ा है। उन्हें समाजवाद का साथ देना चाहिए था।