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राजभवन व सरकार में तालमेल से होगा उच्च शिक्षा का विकास : रामनाथ कोविंद

राज्यपाल एवं कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को टीएनबी कॉलेज स्टेडियम में आयोजित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं के बीच स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान कीं तथा उपाधि लेने वालों से समाज व देश के विकास में योगदान देने की अपील की।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 21 Apr 2016 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 21 Apr 2016 10:49 PM (IST)
राजभवन व सरकार में तालमेल से होगा उच्च शिक्षा का विकास : रामनाथ कोविंद

भागलपुर। राजभवन और शिक्षा विभाग एकसमान सोच व बेहतर तालमेल रखें तो उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार व विकास होगा। वैश्विक चुनौती को ध्यान में रखकर शिक्षा को पुनर्गठित करने की जरूरत है। ये बातें राज्यपाल एवं कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को टीएनबी कॉलेज स्टेडियम में आयोजित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षांत समारोह में कही।

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इससे पूर्व राज्यपाल ने समारोह का उद्घाटन किया तथा छात्र-छात्राओं के बीच स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान कीं। उन्होंने उपाधि लेने वाले छात्र-छात्राओं से समाज व देश के विकास में योगदान देने की अपील की।

राज्यपाल ने युवाओं से रोजगारों का सृजन करने का आह्वान किया। साथ ही विश्वविद्यालय को भी व्यावसायिक व रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर ध्यान देने को कहा, ताकि छात्रों के कौशल का भरपूर विकास हो सके।

स्वर्ण पदक पाने वाले 11 विद्यार्थियों में सात छात्राएं

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है कि स्वर्ण पदक हासिल करने वाले 11 विद्यार्थियों की सूची में सात छात्राएं हैं।

महिलाओं की जागरूकता ने बंद कराई शराब

महिला शिक्षा और महिलाओं की हर क्षेत्र में जागरूकता का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून को लागू कराने में महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। आज हमारे राज्य की बेटियां आगे बढ़ रही हैं, इससे मुझे बहुत खुशी हो रही है।

सभी अनुमंडलों में खुलेंगे कॉलेज : चौधरी

समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि अभी 13 फीसद नौजवान ही उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाते हैं। इस आंकड़े को 2021 तक बढ़ाकर 50 फीसद तक पहुंचाना है। इसलिए, सभी अनुमंडलों में सरकार एक-एक कॉलेज खोलेगी।

उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में दूरस्थ शिक्षा के केंद्र खोले जा रहे हैं। हर व्यक्ति के लिए आजीवन शिक्षा जरूरी है। दीक्षांत समारोह को नव शिक्षा समारोह कहना उचित है। सरकार भविष्य में पसंद आधारित शिक्षा पद्धति लाने पर विचार कर रही है। जिसमें छात्र अपनी पसंद के विषय पढ़ सकेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि सभी विश्वविद्यालयों को नैक से मान्यता मिले, ताकि उन्हें वित्तीय सहायता भी मिलती रहे।

उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का मूल्यांकन होना आवश्यक है। उन्होंने कॉलेजों को मॉडल और सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने पर भी बल दिया। साथ ही कहा कि आइटी क्षेत्र को बिहार में आकर्षित करने के लिए उच्च शिक्षा में सुधार आवश्यक है।

मूल्यांकन व परीक्षाफल में हो रहा सुधार : कुलपति

टीएमबीयू के कुलपति डॉ. रमाशंकर दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय में मूल्यांकन और परीक्षाफल में सुधार हो रहा है। एकेडमिक कैलेंडर को लागू करने की दिशा में काम जारी है। जापान सहित कई देशों के साथ विभिन्न योजनाओं व शोध पर काम चल रहा है। 23 से 26 मई के बीच नैक की टीम विश्वविद्यालय आ रही है।


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