Move to Jagran APP

Jharkhand Election Result 2019 : हताश कांग्रेस-राजद कार्यकर्ताओं में चुनावी नतीजे ने डाली जान Bhagalpur News

Jharkhand Election Result 2019 महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही बिहार के राजद और कांग्रेस खेमे में काफी उत्‍साह है। झारखंड चुनाव परिणाम इस पार्टियों के लिए संजीवनी का काम करेगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 02:01 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019 : हताश कांग्रेस-राजद कार्यकर्ताओं में चुनावी नतीजे ने डाली जान Bhagalpur News
Jharkhand Election Result 2019 : हताश कांग्रेस-राजद कार्यकर्ताओं में चुनावी नतीजे ने डाली जान Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। भाजपा को अजेय पार्टी की तरह मिल रही सफलता से हताशा के भंवर में डूबे कांग्रेस और राजद कार्यकर्ताओं में झारखंड के चुनावी नतीजे ने जान डाल दी है। सुदूर ग्रामीण हलकों में मौजूद कांग्रेस-राजद कार्यकर्ताओं ने मिली जान का इजहार भी जगह-जगह जीत पर रंग-गुलाल और मिठाइयां बांट इसका इजहार कर रहे हैं। भागलपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर भागलपुर नगर सीट और कहलगांव विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में है। पीरपैंती और बिहपुर विधानसभा सीट पर राजद का कब्जा है। सत्ताधारी जदयू के पास नाथनगर, सुल्तानगंज और गोपालपुर सीट पर कब्जा है। भाजपा नगर सीट पर काफी मजबूत स्थिति में रही थी लेकिन दो चुनावों में यह सीट भाजपा के हाथ से फिसल रही है।

loksabha election banner

हाल में नाथनगर विधानसभा उपचुनाव में राजद को तगड़े प्रदर्शन के बाद भी पराजय का मुंह देखना पड़ा था। कम वोटों से पिछड़ी राजद के कार्यकर्ताओं को पड़ोसी राज्य के ताजा चुनाव परिणाम विपक्षी दलों को गोलबंद होने का मौका दिया है। इस मौके को भुनाने के लिए राजद और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने खास रणनीति बनाई है। राजद 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नाथनगर सीट पर कब्जा करने की हर जुगत करेगा। गोपालपुर सीट पर भी पूरी ताकत से जोर आजमाइश करेगा। कांग्रेस और राजद के नेताओं ने झारखंड में विपक्षी लामबंदी से मिली सफलता को बिहार में आजमाने जा रही है। पूर्वी बिहार और सीमांचल की सीटों पर कांग्रेस और राजद कार्यकर्ता ताकत झोंकेंगे।

राजद के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक चिंतक शिवानंद तिवारी की माने तो झारखंड में लोकसभा का चुनाव एकतरफा था। बिहार का नतीजा भी वैसा ही था। वह चुनाव राष्ट्रवाद पर लड़ा गया था। लेकिन उसके बाद राज्यों का चुनाव हकीकत की जमीन पर लड़ा गया। राष्ट्रीय की जगह रोजमर्रे के सवाल पर लड़ा गया। लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाए दलों का मन बुरी तरह गिरा हुआ था। बावजूद महाराष्ट्र, हरियाणा के विस चुनाव नतीजे ने उम्मीद पैदा किया। झारखंड में ठोस गठबंधन कराया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास घोर अक्षमता और अहंकार में अपने विरुद्ध स्वयं वातावरण निर्माण करते चले गए। छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम में बदलाव का प्रयास किया।

अंग्रेजी जमाने की आदिवासियों की जमीन की रक्षा को बने विशेष कानून में भी बदलाव का प्रयास हुआ। इससे आदिवासी समाज कमर कस कर तैयार बैठा था। पत्थलगढ़ी आंदोलन भी रघुवर दास के लिए कम भारी नहीं पड़ा। टिकट बंटवारे ने उनकी कलई खोल दी। सरयू राय जैसे ईमानदार छवि वाले नेता टिकट से बेदखल कर दिए गए। राजद, कांगे्रस और बाकी अन्य पार्टियां निष्प्राण हो गई थीं। यह मानना सही नहीं है। बिहार विधानसभा के उप चुनाव का परिणाम यह साबित कर दिया कि राजद को कम कर आंकना मुगालते में रहने जैसा है। शिवानंद तिवारी कहते हैं कि अभी बिहार बंद में जिस प्रकार की अभूतपूर्व जन भागीदारी हुई उसने भी यह साबित कर दिया है। यह जरूर है कि झारखंड का नतीजा हमारे कार्यकर्ताओं को और ज्यादा उत्साहित और सक्रिय करेगा। बिहार विस चुनाव में नीतीश सरकार पलट जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.