कृषि बिल के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, बोले राजद नेता-केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है
भागलपुर के पीरपैंती में राजद कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। इस अवसर पर पूर्व विधायक रामविलास पासवान वहां उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि देश के उद्योगपतियों की केंद्र सरकार मदद कर रही है। किसानों को धोखा दे रही है। बांका में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल का समर्थन किया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर के पीरपैंती प्रखण्ड कार्यालय में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रखण्ड अध्यक्ष रणजीत साह के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा पारित विधेयक कृषि बिल के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। धरना में पीरपैंती के पूर्व विधायक रामविलास पासवान, राजद के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर यादव ने सम्बोधित किया।पूर्व विधायक ने कहा कि किसानों को विनाश करने के लिए केंद्र सरकार ने यह कानून लाया है। सरकार देश के उधोगपतियों को मदद कर रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार कानून वापस लें अन्यथा किसानों की आवाज अब घर घर से निकलेगी। मौके पर पूर्व जिप सदस्य कैलाश यादव, रमेश रमन, गोपीचंद यादव, विश्वजीत कुशवाहा, कहलगांव प्रखण्ड अध्यक्ष बासुकीनाथ यादव, शेख चांद अली, मुकेश यादव, ओमप्रकाश पंडित, नरेश यादव, प्रदीप ठाकुर, आजाद यादव, शंकर प्रसाद शर्मा, ब्रह्मदेव यादव, मनोज पासवान, रामगोपाल केडिया, हमेंन्त झा, जानिसार असलम, कुंदन यादव, आजाद यादव ,राकेश कुमार यादव आदि ने भी संबोधित किया।
किसानों के हित में है किसान कानून
बांका के अमरपुर शहर के सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में भाजपा द्वारा नए कृषि कानून को लेकर किसान सम्मेलन का आयोजन किया। नगर अध्यक्ष गौतम मोदी ने इसकी अध्यक्षता की। किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि नए कृषि कानून देश के किसानों के लिए हितकर है। इस कानून से किसान आर्थिक रूप से सबल भी होंगे। पर देश के चंद राजनीतिक दल किसानों को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि, नीम कोटेट यूरिया तथा सिंचाई के लिए किए जा रहे कार्य से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसान आंदोलन का असर सूबे में नहीं है। इस दिशा में किसान सम्मेलन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वजीत कुमार, उत्तम कुमार, नीलांबर साह, गोपाल भगत, गुणाधर साह, सौमित्र चट्टर्जी, अरूण ठाकुर, सीताराम झा सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।