बिहार में तेज हो रही जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग! सुपौल डीएम को सौंपा गया राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बिहार में राजनीतिक गर्मागर्मी तेज है। सत्ताधारी दल बीजेपी-जदयू की अलग ही राय है। बीजेपी जहां इसके समर्थन में है तो जदयू ने इसे एक सिरे से खारिज किया है। ऐसे में कई संगठन और संस्थाएं इस कानून की मांग करते दिखाई दे रहीं हैं।
संवाद सूत्र, सुपौल। देशभर में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चर्चा तेज है। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसपर नीति भी तैयार कर ली है। वहीं, बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मांग उठने लगी है। सुपौल में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया है।
देश और राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के द्वारा डीएम सुपौल को एक ज्ञापन सौंपा गया है। राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन में अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए कानून लागू करने की मांग की गई है। फाउंडेशन के प्रदेश सचिव उत्तर बिहार संजीव कुमार भगत के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने समाहरणालय पहुंचकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
शिष्टमंडल में फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम संयोजक शालीग्राम पांडेय, सदस्य सुरेंद्र नारायण पाठक, दीपक कुमार दीप शामिल थे। ज्ञापन में कहा गया है कि देश वर्तमान समय में बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी व कुपोषण का मुख्य कारण बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि है। अनियंत्रित जनसंख्या को रोकने के लिए कानून बनाना आवश्यक है।
जनसंख्या नियंत्रण का लाभ सभी जाति, धर्म, क्षेत्र व भाषा के नागरिकों को मिल सकता है, बताया है कि भारत देश विश्व की कुल आबादी का करीब 88 फीसद आबादी के भार का वहन करता है। आबादी के अनुपात में देश में भू भाग बहुत ही कम यानि लगभग 2.4 फीसद वहीं जल चार फीसद है, यही कारण है कि सरकार के तमाम उपायों के बावजूद देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है।
बिहार की राजनीति
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बिहार में भी सियासत गर्म हो चुकी है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कानून का विरोध किया है, वहीं सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नीतीश कुमार की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी इसके पक्ष में नजर आ रही है। केंद्रीय मंत्री सह बीजेपी सांसद नित्यानंद राय ने इस कानून बिहार में लागू करने के पक्ष में बयान दिया, तो वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण किसी नीति या कानून से नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने पर बल देने से होगा।