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Death of Ram Vilas Paswan: फलका के भंगहा व सालेहपुर में गुजरी थी कई रातें, कोढ़ा विस क्षेत्र से लड़े थे चुनाव

रामविलास पासवान महेशपुर व भंगहा गांव में महीनों रह कर अपना चुनावी अभियान चलाया था। यद्यपि 1964 में वे कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे थे। लेकिन उनकी यादें महेशपुर गांव के बुजुर्गों की जेहन में आज भी कैद है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 10:30 PM (IST)
Death of Ram Vilas Paswan: फलका के भंगहा व सालेहपुर में गुजरी थी कई रातें, कोढ़ा विस क्षेत्र से लड़े थे चुनाव
लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान, फाइल फोटो

कटिहार [तौफीक आलम]। सवान के आकस्मिक निधन की खबर से फलका प्रखंड के भंगहा व सालेहपुर में मातम छाया हुआ है। दिवंगत श्री पासवान अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में इन गांवों में खूब समय बीताया था। भंगहा गांव के संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता जीवछलाल मंडल एवं सालेहपुर निवासी रमजान अली के सहयोग से कोढ़ा विधानसभा से 1964 में उन्होंने चुनाव लड़ा था। आज भी वे यादें इन गांवों में ङ्क्षजदा है।

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फलका प्रखंड के महेशपुर ग्राम के स्वर्गीय रमजान अली के परिजन को जब गुरुवार की रात्रि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन की खबर मिली तो वे लोग काफी गमगीन हो गए। रामविलास पासवान महेशपुर व भंगहा गांव में महीनों रह कर अपना चुनावी अभियान चलाया था। यद्यपि 1964 में वे कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे थे। लेकिन उनकी यादें महेशपुर गांव के बुजुर्गों की जेहन में आज भी कैद है। महेशपुर गांव के वृद्ध शमशुल हक ने बताया कि आज भी उसे याद है रामविलास पासवान का चुनावी प्रचार भोंपू से हुआ करता था और उनके चुनाव प्रचार वाले जुलूस में मर्द और औरतें पैदल चला करती थी। श्री समसुल ने बताया कि मेरे मरहूम पिता मु. रमजानी साहब रामविलास पासवान के साथ प्रचार प्रसार में निकलते थे। उनका ठहराव भंगहा ग्राम के स्वर्गीय जीवच लाल मंडल के यहां भी होता था। जब प्रचार से लौटते थे तो सादा भोजन किया करते थे तथा मक्का का लावा व सरसों का साग बेहद पसंद किया करते थे। जब वे प्रचार प्रसार कर आते थे तो दरवाजे पर जो बंगला है उसी में पुआल पर सो जाया करते थे। उन्होंने बताया कि उनके पिता रमजान अली से उनकी अच्छी पटती थी। उनके पिता और उनके उम्र में बड़ा फासला था। स्व. पासवान जब रेल मंत्रालय में थे तो उनके सभी परिजनों के लिए 2003 तक के लिए रेलवे पास बना कर दिए थे। स्वर्गीय रमजान अली गांव के लोगों का कपड़ा सीकर अपनी जीविका चलाते थे। बदकिस्मती से स्वर्गीय राम विलास पासवान जी उस वक्त कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। मगर महेशपुर के रमजान अली और भंगहा के जीवछ लाल मंडल के परिवार उनका रिश्ता हमेशा कायम रहा। भंगहा के वृद्ध उमानाथ पटेल ने बताया कि जीवछलाल मंडल श्री पासवान के कोढ़ा विधान सभा से चुनाव लडऩे को लेकर गांव के विष्णु मंडल के यहां अपना एक एकड़ भूमि दस हजार रुपये में गिरवी रख दिया था।श्री पासवान के मंत्री बनने के बाद जीवछलाल मंडल उनके निज आवास पर चार दफे मिलने गये थे।2014 में गेनालाल मंडल के घर हुई भीषण अग्निकांड में रामविलास पासवान के यादों से जुड़ी तमाम कागज व सामान जलकर खाक हो गया।उन्होंने बताया कि वे भी हिन्दू रीतिरिवाज के तहत दिवंगत पासवान के शोक में श्राद्ध कर्म के दिन नख बाल करेंगे।


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