भागलपुर में रूक नहीं रहा पशुओं की मौत का सिलसिला, मंगलवार को भी आठ सूअर सहित 200 मुर्गे मरे
शहर में सूअरों के बाद मुर्गे में तेजी से क्लासिक स्वाइन फीवर का संक्रमण फैलने लगा है।
भागलपुर। शहर में सूअरों के बाद मुर्गे में तेजी से क्लासिक स्वाइन फीवर का संक्रमण फैलने लगा है। मंगलवार को अलीगंज के समीप बाइपास के किनारे 200 मुर्गे फेंक दिए गए। सुबह सात बजे मरे हुए मुर्गे के ढेर को देख अलीगंज इलाके में सनसनी फेल गई।
इसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाई। मौके पर जिला पशुपालन विभाग और नगर निगम की टीम पहुंची। मृत मुर्गो की की जांच के बाद नगर निगम ने उसे दफना दिया। जिला पशुपालन अधिकारी शंभूनाथ झा ने बताया कि इतनी संख्या में मुर्गे की मौत बीमारी से नहीं हो सकता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लॉकडाउन की वजह से मुर्गो की बिक्री नहीं हो रही है। पशुपालकों के पास मुर्गे को खिलाने के लिए दाना भी नहीं होगा। खर्च अधिक होने की वजह से पशुपालक इसे पालना नहीं चाहते होंगे। इस कारण मुर्गे मर रहे हैं।मृत मुर्गे के नमूने पटना के लैब में भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद बीमारी की जानकारी मिल सकेगी।
बरारी में आठ सूअरों की मौत
बरारी पुल घाट रोड में मंगलवार को आठ और सूअर मर गए। पार्षद खुशबू ने बताया कि मृत सूअरों का शव दफन करा दिया गया है। क्लासिक स्वाइन फीवर की चपेट में आने से शहर में गाय, सूअर, कौआ, मुर्गे और कुत्तों के मरने की संख्या 831 के करीब पहुंच गई है।
कोलकाता के लैब से आई जांच रिपोर्ट
12 मार्च को बीमार सूअरों का बिसरा कोलकाता के राष्ट्रीय स्तर के लैब में भेजा गया था। कोलकाता लैब की रिपोर्ट में स्वाइन फीवर पाया गया है। जिला पशुपालन अधिकारी शंभू नाथ झा ने बताया कि इससे इंसानों को खतरा नहीं है। जिले में 16 हजार और शहर में 1404 सूअर हैं। उन्होंने कहा कि सूअरों को संक्रमण से बचाने के लिए साफ-सुथरा रखें। बीमार सूअर से स्वस्थ मवेशी को अलग रखने का प्रयास करें। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों से संपर्क कर आवश्यकता अनुसार दवा दें।