साइबर ठगों ने मिलाया नाइजीरियन गैंग से हाथ, क्राइम ब्रांच के निशाने पर गिरोह
दिल्ली व गोवा में सक्रिय नाइजीरियन गैंग के सदस्य इन दिनों स्थानीय साइबर ठगों के जरिये लोगों को शिकार बना रहे हैं। पकड़े जाने की स्थिति में स्थानीय ठग ही पुलिस के गिरफ्त में आते है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। तरह-तरह की तरकीब से लोगों की जमा पूंजी उनके खाते से उड़ाने वाले साइबर ठग अब नाइजीरियन गैंग से प्रशिक्षण ले रहे हैं। दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम को बिहार-झारखंड में सक्रिय साइबर ठगों के नाइजीरियन गैंग से संपर्क साधने के साक्ष्य मिले हैं। नाइजीरियन गुरु के संपर्क में रहने वालों में भागलपुर के मिरजान और बूढ़ानाथ रोड निवासी दो साइबर ठग भी शामिल हैं।
इसके अलावा पूर्णिया के गुलाब बाग, मुंगेर के जमालपुर, झारखंड के जामताड़ा, जमशेदपुर और धनबाद के लोयाबाद से जुड़े ठग भी नाइजीरियन गैंग के संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण इन जिलों में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस साल जनवरी से अब तक केवल भागलपुर में ही साइबर ठगी के 87 मामले सामने आए हैं। कमोवेश यही स्थिति अन्य जिलों की है। भागलपुर में पुलिस को अब तक एक भी मामले में सफलता नहीं मिली है।
दिल्ली और गोवा में सक्रिय नाइजीरियन गैंग के सदस्य इन दिनों स्थानीय साइबर ठगों के जरिये लोगों को शिकार बना रहे हैं। पकड़े जाने की स्थिति में स्थानीय ठग ही पुलिस के गिरफ्त में आते हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने नाइजीरियन गैंग की गतिविधियों की जानकारी यहां की क्राइम ब्रांच की टीम से साझा की है। नाइजीरियन गैंग से संपर्क में आने वाले ठगों से जुड़ी जानकारियां भी दी है, जिनकी तलाश सरगर्मी से की जा रही है।
दिल्ली में सैमुअल जोराद से टिप्स लेने पहुंचे थे 17 ठग
नाइजीरियन गैंग के सैमुअल जोराद से टिप्स लेने बिहार-झारखंड के 17 साइबर ठग दक्षिणी दिल्ली में जुटे थे। सैमुअल जोराद से जुड़े तीन नाइजीरियनों के दिल्ली में पकड़े जाने के बाद यह बात उजागर हुई थी। वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी सैमुअल और उसके साथी भारत में रहकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
खाते खुलवाने, पासबुक और एटीएम कार्ड रखने के दिए टिप्स
नाइजीरियन गैंग से टिप्स लेने वालों को साइबर ठगी के लिए भोले-भाले लोगों से खाते खुलवाने के टिप्स मिले हैं। ठग चालाकी से उनके खाते खुलवा कर पासबुक और एटीएम कार्ड रख लेते हैं। इन खातों में रुपये मंगाने और तुरंत ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल पर एप भी डाउनलोड कराए गए हैं। ठगों को इलाके के नामी चिकित्सकों और व्यवसायियों आदि के नाम की फर्जी प्रोफाइल बनाने और सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये डोरा डालने की भी ट्रेनिंग मिली है।
साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जिलों में अलग सेल (सीसीएसएमयू) बनाए गए हैं। पुलिसकर्मियों को इसके लिए नियमित प्रशिक्षण देकर निपुण बनाया जा रहा है। साइबर अपराध को रोकने के लिए वरीय पुलिस अधिकारी भी सतत सजग हैं। - सुजीत कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, भागलपुर पूर्वीय क्षेत्र