Cyber crime : जरा सी समझदारी... जेब पर नहीं पड़ेगी भारी, आप भी जानें... और सतर्क रहें
Cyber crime भागलपुर में लगातार रुपये की ठगी हो रही है। बैंक खाते से रुपये निकालने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। इसके लिए लगातार सावधानी बरतने की जरुरत है।
भागलपुर, जेएनएन। Cyber crime : साइबर क्राइम करने वाले शातिर लोगों को शिकार बनाने को रोज नए हथकंडे अपना रहे हैं। साइबर अपराधी किसी न किसी तरीके से मकसद में कामयाब हो ही जा रहे हैं। लोगों को ठगी से बचने के लिए सतर्क और जागरूक होना होगा। कोई फोन कर किसी तरह का लालच दे तो ऐसे कॉल के चक्कर में ना फंसे। बल्कि ऐसे शातिर के बारे में तुरंत स्थानीय पुलिस या एसएसपी की साइबर सेल को सूचना दें।
यूं उड़ा रहे खाते से जमा पूंजी
साइबर शातिर पहले मोबाइल पर कॉल कर खुद ओटीपी नंबर मांगते थे लेकिन लोगों के सजग होने पर मोबाइल में अब एक लिंक भेजकर उस लिंक को क्लिक करने को बोलते हैं। लिंक को क्लिक करते ही मेसेज बॉक्स में ओटीपी आ जाती है। जैसे ही ओटीपी देख ओके लिखेंगे कि आपके खाते की रकम गायब हो जाएगा। साइबर ठग इस तरह रोज चूना लगा रहे हैं।
सरकारी अफसर बन करते ठगी
सरकारी कर्मचारी बता कर ठग अब मोबाइल पर कॉल कर कहते हैं कि उनका तबादला दूसरी जगह हो गया है। घर की फ्रिज, कार, बाइक, एलइडी, वाशिंग मशीन, एसी, मूवेबल वार्डरोब आदि बेचना है। ऐसा बोल झांसा देने वाले व्हाट्स एप पर फोटो भी भेज रहे हैं। जैसे ही आप सामान खरीदने को राजी होते हैं, उनका काम आसान हो जाता है।
भागलपुर-बांका-नवगछिया में रोज आधा दर्जन बन रहे शिकार
इस साल जनवरी से अबतक भागलपुर, बांका और नवगछिया में साइबर ठगी के मामलों में इजाफा हुआ है। औसतन तीनों जगहों पर रोज आधा दर्जन लोग ठगी के शिकार बन रहे हैं।
0 मुंबई, दिल्ली और कोलकाता से आ रहे कॉल
0 छ:ह माह में तीनों जगहों पर 212 मुकदमे साइबर ठगी के दर्ज
0 महिलाएं ज्यादा हो रहीं शिकार
0 साइबर ठगों में लड़कियां भी शामिल, चिकनी-चुपड़ी बात कर देती हैं झांसा।
भागलपुर, बांका और नवगछिया में साइबर अपराध रोकने के लिए साइबर सेल हैं। पुलिसकर्मियों को लगातार प्रशिक्षित कर दक्ष बनाया जा रहा है। - सुजीत कुमार, डीआइजी, पूर्वी क्षेत्र।
किसी भी अनजान व्यक्ति फोन कर लॉटरी निकलने, सामान बेचने या कोई स्कीम या ऑफर की जानकारी दे तो सतर्क हो जाएं। उनके झांसे में नहीं आएं। ऐसा करने पर ही आप सुरक्षित और बैंक में जमा आपकी रकम सुरक्षित रहेगी। ऑनलाइन शॉपिंग में लोग ज्यादा ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल करें। खाताधारक के निवेदन पर बैंक एक नंबर जारी करता है। यह नंबर ही वर्चुअल कार्ड है। जो उतनी रकम के लिए ही मान्य होगा जितना बैंक से अनुरोध किया गया है। ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग में डेबिड या क्रेडिट कार्ड नंबर की जगह बैंक से मिले नंबर डाल रकम अदा करेगा। वह पूरी तरह सुरक्षित है। -आलोक मिश्रा, साइबर एक्सपर्ट