Indian Rail : हर साल बढ़ रहे यात्री... घट रही बोगियां... खड़े-खड़े हो रहा सफर, देखें... आंखों देखा हाल Bhagalpur News
जंक्शन पर बीते पांच वर्षों में यात्रियों का दवाब काफी बढ़ा है। 20 हजार करीब यात्रियों को संख्या में इजाफा हुआ है। अभी प्रतिदिन 90 से 95 हजार यात्री ट्रेनों से सफर करते हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर जंक्शन को स्मार्ट स्टेशन बनाने की कवायद। स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं बढ़ाने पर जोर। पर, ट्रेनों में जनरल कोचों की कमी पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं। कोच की कमी से यात्री खड़े होकर सफर करने को मजबूर। दरअसल, जंक्शन पर बीते पांच वर्षों में यात्रियों का दवाब काफी बढ़ा है। 20 हजार करीब यात्रियों को संख्या में इजाफा हुआ है। अभी प्रतिदिन 90 से 95 हजार यात्री ट्रेनों से सफर करते हैं। पांच साल पहले यह संख्या 70 से 75 हजार थी। जिस तरह से यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है उस अनुपात में ट्रेन और बोगियों की संख्या नहीं बढ़ सकी हैं। कई ट्रेनों से जनरल कोच की संख्या घटा दी गई है।
1.30 बजे : रामपुरहाट पैसेंजर में सीट को लेकर जद्दोजहद
सोमवार को 1.30 बजे प्लेटफॉर्म संख्या चार पर रामपुरहाट-गया पैसेंजर खड़ी थी। कोच में सीट के लिए यात्रियों में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। ट्रेन के किसी कोच में जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों को खड़े रहना पड़ा। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में पहले 14 कोच थे। अब 12 कोच ही लगे हैं।
1.50 बजे : जनसेवा एक्सप्रेस प्लेस होते ही दौड़े पैसेंजर
भागलपुर से मुजफ्फरपुर जाने वाली जनसेवा एक्सप्रेस 1.50 बजे प्लेटफॉर्म संख्या एक पर खड़ी थी। यात्री सीट लेने के लिए दौड़ लगाने लगे। 10 मिनट में ही ट्रेन के सभी नौ जनरल कोच और स्लीपर यात्रियों से पैक हो गया। देर से पहुंचने वाले पैसेंजर को सीटें नहीं मिली। यात्री परेशान रहे।
4.30 बजे : मालदा इंटरसिटी में नहीं सवार हो सके पैसेंजर
जमालपुर से मालदा के बीच चलने वाली इंटरसिटी शाम 4.30 बजे एक नंबर प्लेटफॉर्म पर खड़ी हुई। ट्रेन के आने से पहले ही सैकड़ों की संख्या में यात्री गलत दिशा में ट्रैक के किनारे खड़े थे। ट्रेन में 12 जनरल बोगियां लगी थी। सभी कोच जमालपुर से भी यात्रियों से खचाखच भरी थी। इस कारण जंक्शन पर बोगियों में प्रवेश करना भी मुश्किल था। ऐसे में कई यात्री इससे सफर करने से वंचित रह गए।
35 जोड़ी ट्रेनें चलती है, जनरल कोच रहता है पैक
भागलपुर-किऊल, साहिबगंज, बांका, हंसडीहा, जमालपुर रेल सेक्शन पर सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, मेल और पैसेंजर मिलाकर करीब 35 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन अप-डाउन में होता है। इसमें से कुछ गाडिय़ां साप्ताहिक और त्रि-साप्ताहिक है। इसमें से सभी जनरल कोच पूरी तरह पैक रहती है। इस कोच सीट से दोगुने से भी ज्यादा यात्री सफर करते हैं।
विक्रमशिला से हटा लिए गए दो कोच
भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस मालदा मंडल की प्रमुख ट्रेन है। यह गाड़ी पूरे साल भर हाउसफुल रहती है। इस ट्रेन का पुराने रैक आएफसी कोच के साथ होता था। तब इसमें जनरल क्लास की चार बोगियां लगी रहती थी। 2016 जुलाई से इसमें एलएचबी कोच जोड़ दिए जाने के कारण इसमें जनरल कोचों की संख्या चार की जगह दो कर दी गई। मजदूर तबके और रोजगार करने वाले लोगों के लिए यह पसंदीदा ट्रेन है। दो कोच में रोज 212 सीट पर 400 से 500 लोग सफर करते हैं।
भीड़ से निपटने की कोई रणनीति नहीं : दानापुर-साहिबगंज इंटरसिटी, जमालपुर-हावड़ा, गया-हावड़ा, जमालपुर-मालदा इंटरसिटी, वद्र्धमान पैसेंजर, जयनगर पैसेंजर, अपर इंडिया एक्सप्रेस, कटवा सवारी गाड़ी, भागलुर-दानापुर इंटरसिटी, वनांचल एक्सप्रेस, जनसेवा एक्सप्रेस सहित अन्य गाडिय़ों में यात्रियों का काफी दबाव रहता है। लेकिन रेलवे के पास भीड़ से निपटने के लिए कोई खास रणनीति नहीं है।
यार्ड में जगह की कमी : भागलपुर रेलवे यार्ड में जगह की कमी से पिछले छह सालों में एक भी नई ट्रेन का परिचालन नहीं हुआ। कवि गुरु एक्सप्रेस का दायरा वर्ष 2018 में बढ़ाया गया। पर, इसका रखरखाव हावड़ा में होता है। अभी यार्ड में एलएचबी रैक के रखरखाव के लिए यार्ड का निर्माण चल रहा है।
जनरल कोचों की संख्या बढ़ाने की जरूरत
यात्री अमित कुमार ने कहा कि पैसेंजर ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्या कम है। पहले जहां अधिकतम 16 कोच होते थे। अब 12 से 14 कोच कर दिया गया है। इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यात्री अरविंद कुमार ने कहा कि जनसेवा एक्सप्रेस उत्तर बिहार के लिए एक मात्र ट्रेन है। इसमें बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर जाने वाले यात्रियों की भीड़ ज्यादा होती है। जनरल कोच की संख्या नौ है। इस कारण परेशानी होती है।
यात्री रवि कुमार ने कहा कि साहिबगंज जाने के लिए दोपहर दो बजे के बाद शाम में इंटरसिटी है। इसमें कोच की संख्या कम होने से प्रतिदिन सैकड़ों यात्री सवार नहीं हो पाते हैं। खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। यात्री अजय कुमार ने कहा कि बांका जाने वाली ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्या आठ है। ऐसे में सभी कोच में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार होते हैं। भागलपुर से बांका के लिए खड़े-खड़े होकर सफर करना पड़ता है।
पीके मिश्रा (प्रभारी डीआरएम, मालदा मंडल) ने कहा कि यार्ड में एलएचबी रैक के लिए हाइटके यार्ड का निर्माण चल रहा। सिक लाइन का काम करीब-करीब पूरा होने पर है। अगले साल मार्च से चालू होने के बाद ट्रेनों के रखरखाव में दिक्कत नहीं होगी।
मुख्य बातें
-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों से हटा दिए गए जनरल कोच -यार्ड में जगह की कमी, छह सालों में नहीं मिली नई ट्रेन
-ए ग्रेड स्टेशन पर यात्रियों को हो रही परेशानी
-ट्रेन में कोच की संख्या कम होने के कारण क्षमता से दोगुने से ज्यादा यात्री करते हैं सफर
-04 की जगह दो जनरल कोच हो गई विक्रमशिला में
-12 कोच की बन गई वद्र्धमान पैसेंजर
-90 से 95 हजार आसपास यात्री रोज करते हैं सफर
-05 सालों में बीस हजार के पास बढ़ी यात्रियों की संख्या