जगदीशपुर थानेदार ने सियार के खून को बता दिया व्यवसायी का खून, जानिए...
बाइपास रोड के बीचों बीच अपराधियों ने गुरुवार को मिरजानहाट के विजय साह को बुरी तरह मारने पीटने के बाद गोली मार दी थी। जदगीशपुर थानाध्यक्ष ने अपने इलाके में घटना से इंकार किया था।
भागलपुर (जेएनएन)। प्रापर्टी कारोबार करने वाले स्वर्ण व्यवसायी मिरजानहाट निवासी विजय साह के साथ मारपीट और गोलीबारी मामले में जगदीशपुर पुलिस का कारनामा सामने आया है। जगदीशपुर थानेदार नीरज तिवारी ने सीमा विवाद के चक्कर में अपने वरीय अधिकारियों को घटनास्थल के बारे में गलत जानकारी देकर दूसरा स्थान दिखा दिया। इस कारण गोलीबारी मामले में मामला मधुसूदनपुर में दर्ज किया गया। इस मामले की जांच के लिए सिटी डीएसपी राजवंश सिंह समेत मधुसूदनपुर पुलिस भी उसी घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंचे। मगर वहां आसपास पूछताछ के बाद इस कारनामे का भेद खुल गया।
शुक्रवार को घटनास्थल से बरामद किया गया खोखा, खून और चप्पल
जब मधुसूदनपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो वहां आसपास मौजूद कुछ लोगों ने सही जानकारी दी। इससे जगदीशपुर पुलिस के कारनामे की पोल खुल गई। घटनास्थल जगदीशपुर थाना इलाके के सेंट टेरेसा स्कूल के नजदीक का ही है। जब पुलिस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को वहां पहुंची तो उस जगह विजय का चप्पल, खून के निशान और दो गोली का खोखा मिला। पुलिस ने परिवार वालों से भी इस बात की पुष्टि करा ली कि चप्पल और घटनास्थल अब सही है। वहीं इस घटना में जगदीशपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में वरीय अधिकारी थानेदार के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं।
जगदीशपुर पुलिस ने सियार के खून को बता दिया व्यवसायी का खून
स्थानीय लोगों के मुताबिक घटना की जानकारी होने पर जगदीशपुर पुलिस मौके पर पहुंची। मगर सीमा क्षेत्र के चक्कर में पुलिस चुपचाप चली गई। जब वरीय अधिकारियों को मामले की जानकारी हुई तो फिर से सभी थानों को सक्रिय किया गया। इस बार जगदीशपुर पुलिस ने मधुसूदनपुर के पास बीच बाइपास रोड पर बड़े वाहन की चपेट में आने के बाद फैले सियार के खून को ही व्यवसायी का खून बता दिया। जिसे आधार मानकर पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी। मगर आसपास खोखा समेत किसी प्रकार की घटना के कोई सुबूत नहीं मिले। वहीं खून से गंध निकल रही थी। जिससे स्पष्ट था कि वहां व्यवसायी का खून नहीं बल्कि किसी जानवर का खून है।
एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि इस बात की जानकारी होने के बाद मामले को जगदीशपुर थाने में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में जगदीशपुर थानेदार को भी जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
क्या है मामला
बाइपास रोड के बीचों बीच अपराधियों ने गुरुवार को दिन दहाड़े मिरजानहाट निवासी विजय साह को बुरी तरह मारने पीटने के बाद गोली मार दी थी। वह स्वर्ण आभूषण का काम करने के साथ प्रापर्टी का कारोबार भी करता है। विजय को परबत्ती में सोने चांदी की दुकान है। गंभीर हालत में उसे कुछ लोगों ने जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां से उसे बेहतर चिकित्सा के लिए पटना रेफर कर दिया गया। घायल हालत में ही विजय ने बताया कि उसे बबरगंज इलाके के अपराधी पूनम यादव उर्फ पुनमा समेत कई लोगों ने हत्या करनी चाही है।
जमीन विवाद में मारी गई है गोली
विजय ने बताया कि उसे घर से पुनमा ने ही सुबह करीब 9.45 बजे बुलाया। उसने बाइपास स्थित एक जमीन की डील के लिए जमीन दिखाने की बात कही। जमीन की डील सात लाख में फाइनल हो गई। जब वह सरदारपुर के समीप से जमीन दिखाकर वापस लौट रहा था। तभी बीच सड़क पर ही कुछ हथियार बंद लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया। तभी पुनमा भी उसके साथ मिल गया और पहले मारपीट करने लगा। इसके बाद सभी ने अपने हथियार से ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी। वहां आसपास कहीं भी छिपने का जगह नहीं देख वह सड़क पर ही जान बचाने के लिए भागा।
बबरगंज पुलिस चौकी का पूर्व प्राइवेट चालक है आरोपित
विजय साह को गोली मारने वाला अपराधी पुनमा यादव बबरगंज पुलिस चौकी का पूर्व में प्राइवेट चालक था। उसे एक पूर्व के चौकी प्रभारी ने चौकी की गाड़ी को चलाने के लिए रखा था। उसी समय से वह पुलिस से मिलकर प्रापर्टी का काम करने लगा। वह बबरगंज इलाके के कुख्यात अपराधी मन्ना यादव का भाई है। मन्ना पर पुलिस पर गोलीबारी के साथ पुलिस गाड़ी पर बम फेंकने का आरोप है। वह अभी जेल में बंद हैं। वहीं पुलिस की जांच में जानकारी मिली है कि विजय भी मोजाहिदपुर इलाके में जमीन के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार हो चुका है।