रंगदारी के डर से तीन परिवार ने छोड़ा गांव, इलाके में सक्रिय है कुख्यात मिथुन महतो गिरोह
भागलपुर में दिन प्रतिदिन अपराध बढ़ता जा रहा है। अब स्थिति यहां तक आ गई है कि रंगदारी मांगने के लिए दहशत में फैलाने की नीयत में ताबड़तोड़ फायरिंग की जाती है। लोग दहशत में हैं।
भागलपुर, जेएनएन। कहलगांव के महेशामुंडा गांव में अपराधियों का खौफ इस कदर हावी है कि डर से तीन परिवारों को गांव छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा। भय से ग्रामीण पुलिस की मदद नहीं लेते। पूरा गांव डर के साये में जी रहा है। गुरुवार को ही रंगदारी के लिए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सूचना पर तीन थानों की पुलिस पहुंची, लेकिन मुकदमा कराने कोई आगे नहीं आया। पूछताछ कर पुलिस बैरंग लौट गई। गोलीबारी की घटना से गांव में दहशत का माहौल छाया हुआ है। भय से लोग कुछ बोल नहीं रहे।
नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि रंगदारी नहीं देने के चलते अब तक तीन परिवार को गांव छोड़कर भागना पड़ा है। इंजीनियर अनंत महतो दो साल से गांव लौटकर नहीं आए हैं। परिवार के साथ कहलगांव में रहते हैं। गांव की जमीन पर कुख्यात अपराधी मिथुन महतो ने कब्जा जमा लिया है। रोहित महतो भी परिवार के साथ गांव से पलायन कर गए हैं। बार-बार रंगदारी मांगने से भयभीत प्रमोद साह भी परिवार के साथ गांव से चले गए हैं। पंसस पति को भी रंगदारी देने के लिए लगातार धमकाया जा रहा है। गुरुवार रात भी कुख्यात मिथुन महतो अपने दो सहयोगी के साथ रंगदारी मांगने पहुंचा था। इस दौरान दहशत फैलाने के लिए सरेआम एक दर्जन हवाई फायरिंग की और फिर चला गया। सभी अपराधी गांव में ही रहते हैं। पुलिस के आने पर किसी के घर में छिप जाते हैं। भय से घरवाले विरोध नहीं करते।
रंगदारों के खिलाफ खड़े हुए ग्रामीण
कहलगांव के महेशामुंडा गांव में पांव जमाए अपराधियों के खिलाफ अब ग्रामीण एकजुट होने लगे हैं। पंचायत समिति सदस्य के पति मणिकांत साह आगे आए और कुख्यात मिथुन महतो के खिलाफ कहलगांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया। दो दिनों पूर्व कुख्यात मिथुन ने गांव में रंगदारी के लिए ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग की थी। इससे पहले पंसस पति से दो लाख रुपये की रंगदारी मांगते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। गांव के ही इंजीनियर अनंत महतो, रोहित महतो और प्रमोद साह से भी रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी देने के डर से तीनों परिवार गांव छोड़कर पलायन कर गए हैं। इनके अलावा भी रंगदारी के लिए कई परिवार को धमकाया गया है। भयवश ग्रामीण विरोध नहीं करते थे। लेकिन, अब ग्रामीणों ने डटकर मुकाबला करने का मन बना लिया है। इसको लेकर गांव में एक बैठक भी बुलाई गई है।