Cricketer Devi Shankar : खुद के रुपये से भागलपुर में तैयार किया रणजी स्तर का मैदान
Cricketer Devi Shankar भागलपुर के क्रिकेटरों को उभारने में देवी शंकर का काफी योगदान है। वेतन का 40 फीसद हिस्सा सैंडिस कंपाउंड के क्रिकेट मैदान में खर्च करते हैं। बेहतर कार्य को लेकर बीसीसीआइ के चीफ क्यूरेटर ने सम्मानित किया।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर के देवी शंकर क्रिकेटर से शारीरिक शिक्षक बने, अब पूर्वी भारत के क्रिकेट मैदान को तैयार कर रहे हैं। देवी बीसीसीआइ के पिच क्यूरेटर के पैनल में भी हैं। वह महेंद्र सिंह धौनी की संस्था के लिए भी काम कर रहे हैं। भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड स्टेडियम से क्रिकेट में कॅरियर शुरू करने वाले देवी को अपने शहर से काफी लगाव है। जब भी उन्हें समय मिलता है, वह सैंडिस कंपाउंड में क्रिकेट की पिच तैयार करने में जुट जाते हैं। मैदान को अपने मां के रूप में मानकर सेवा करते हैं। इस काम में अपने वेतन का 40 फीसद हिस्सा खर्च कर देते हैं।
19 वर्षों की मेहनत के बाद उन्होंने स्टेडियम को रणजी खेल के लायक तैयार कर दिया है। यहां आसानी से राज्यस्तरीय प्रतियोगिता भी हो सकती है। टर्फ विकेट नहीं होने से भगलपुर के खिलाड़ी राज्यस्तरीय खेलों में पिछड़ रहे थे। अब यहां बीसीसीआइ और रणजी के मैच होंगे तो नई पीढ़ी की खिलाडिय़ों को भी अवसर मिलेगा। हालांकि टर्फ विकेट के रख-रखाव में रोलर और घास की थोड़ी कमी है।
यहां तैयार कर चुके हैं पिच
देवी ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अकादमी के लिए पटना के विशप स्कॉट ब्वॉयज स्कूल में पिच तैयार किया है। अब सिलीगुड़ी में भी तैयार करेंगे। रणजी ट्रॉफी के लिए दो वर्षों से बीसीसीआइ के पिच क्यूरेटर की भूमिका में हैं। वर्ष 2020 में पटना में बंग्लादेश, थाईलैंड व भारत के बीच त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भी देवी ने पिच तैयार किया है। इसके अलावा गोपालगंज, दानापुर, पटना, कटिहार, पुर्णिया, मुजफ्फरपुर व नवादा में भी मैदान तैयार किया है।
चीफ क्यूरेटर ने किया सम्मानित
रांची क्रिकेट स्टेडियम में पिच तैयार करने का देवी ने प्रशिक्षण लिया। इसके बाद बीसीसीआइ द्वारा बेंगलुरु स्टेडियम में आयोजित ओरिएंटल कोर्स किया। छोटे शहरों में पिच तैयार करने के प्रति समर्पण को लेकर वर्ष 2018 में मुंबई में बीसीसीआइ के चीफ क्यूरेटर दलजीत सिंह ने देवी को सम्मानित किया था।
यहां से शुरू हुआ कॉरियर
देवी शंकर मारवाड़ी पाठशाला से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 1991 मेे बड़े भाई के साथ जिला स्कूल के क्रिकेट मैदान में कदम रखा। संघर्षपूर्ण माहौल में वरीय खिलाड़ी आलोक कुमार से तकनीकी गुर पाकर अंडर 16, 19 व हेमंत ट्रॉफी में वर्ष 1994 में खेलने का अवसर मिला। वर्ष 2000 में वाडोदरा में हुए ईस्ट जोन विश्वविद्यालय क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। 1999 में जमशेदपुर में लगे अंडर-19 बिहार टीम के प्रशिक्षण शिविर में देवी ने धौनी के साथ प्रशिक्षण लिया था। 2010 में नेशनल क्रिकेट अकादमी में कोच का प्रशिक्षण लिया।