सामूहिक दुष्कर्म कांड में बचाव पक्ष ने रखी अपनी दलील
- पूरी नहीं हो पाई बहस, कोर्ट ने 14 सितंबर को तय की अगली तिथि - कहलगांव शिवनारायण स्थित महर्षि मेँहीँ आश्रम रामपुर में दो साध्वी बहनों के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म - आश्रम के अज्ञानंद बाबा समेत 12 लोग बनाए गए थे आरोपित - तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हो रही बहस ---------------------- जागरण संवाददाता,
भागलपुर। दो साध्वी बहनों से सामूहिक दुष्कर्म मामले में बुधवार को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी की अदालत में बचाव पक्ष की तरफ से दलीलें रखी गई। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक काशीनाथ मिश्र ने बहस में भाग लिया। बुधवार को भी न्यायालय में बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाई। न्यायालय ने इस मामले में बहस के लिए अगली तिथि 14 सितंबर को तय कर दी है।
27 अगस्त 2012 को हुई थी घटना
कहलगांव अनुमंडल के शिवनारायणपुर थाना क्षेत्र स्थित महर्षि मेँहीँ आश्रम रामपुर में 27 अगस्त 2012 को हुए दो साध्वी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। आरोपित अज्ञानंद बाबा और रतन पासवान की तरफ से बहस हो रही है। मामले में कुल 12 लोगों को आरोपित बनाया गया है।
मारपीट कर दो साध्वी बहनों को बनाया था आरोपितों ने शिकार
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अपने कमरे में दोनों बहन घटना की रात भोजन पका रही थी। उस दौरान अज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा घनश्याम मंडल, विवेका, पंकज, प्रेम यादव, रतन पासवान आदि के साथ आ पहुंचा। आश्रम के मुख्य साधु हरिद्वार चले गए थे। उनकी अनुपस्थिति में स्थिति अराजक हो चली थी। सभी आरोपित दोनों बहनों के साथ गाली-गलौज करने लगे। उनका विरोध किया तो दोनों बहनों के साथ वे मारपीट करने लगे। फिर आरोपितों में पंकज, प्रेम, रतन आदि आश्रम से सटे जनरा के खेत में ले गए। फिर बारी-बारी से दुष्कर्म को अंजाम दिया था। दोनों बहन वहां से जैसे-तैसे रोते-बिलखते विक्रमशिला स्थित लक्ष्मी होटल के जितेंद्र यादव तक जा पहुंची और घटना की जानकारी दी फिर थाने लाई गई जहां घटना के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।