कर्ज चुकाने की चिंता बनी नवदंपती की चिता
कर्ज चुकाने की चिंता एक नवदंपती को चिता की ओर खींच ले गई। रोजाना के तनाव से आजिज दंपती ने खुदकशी कर ली।
By Edited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 11:57 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 11:57 AM (IST)
भागलपुर [चंद्रमणि]। कर्ज चुकाने की चिंता एक नवदंपती को चिता की ओर खींच ले गई। घटना किशनगंज शहर के सटे ग्वालपोखर थानाक्षेत्र के पोखरिया पंचायत स्थित कोदालीगांव की है। यहां राहुल दास और उसकी पत्नी ने कर्ज से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा कि नवदंपती ने एक बैंक से रोजगार के लिए कर्ज लिया था लेकिन समय से लौटा नहीं पाया था। इस कर्ज से मुक्ति पाने के लिए दोनों ने खुद को ही मिटा देने का रास्ता अख्तियार कर लिया।
राहुल संपन्न घर के माहौल में गुजर बसर कर रहा था, वह अपने बचपन के पड़ाव से धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा था। अचानक एक दिन उसके पिता की मौत हो गई। इस सदमे से वह किसी तरह उबरा। छाटा-मोटा कामकर मां और तीन छोटे भाई-बहनों का भरण पोषण करने लगा। इसी क्रम में प्रेम का अंकुर फूटा और शेफाली से वह प्रेम करने लगा। धीरे-धीरे प्यार परवान पर चढ़ने के साथ ही दोनों ने एक सूत्र में बंधने का निर्णय लिया।
छह महीने पहले ही दोनों ने शादी की थी। शादी के बाद स्वरोजगार के लिए बैंक से ऋण लिए थे। बैंक के इस पैसे से उसने मिठाई की दुकान खोली लेकिन काम ठीक से नहीं चल पाने के कारण वह ससमय ऋण चुकता नहीं कर पा रहा था। इसे लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर कशमकश की दीवार खड़ी हो जाती। यही नहीं दोनों के विवाद की दीवार को आस पड़ोस के लोग तोड़ते थे। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। इसे लेकर दोनों तनावग्रस्त रहने लगे। साथ ही दोनों के बीच नफरत की खाई पैदा होने लगी।
इसी दौरान बैंक ने भी कर्ज की रकम अदा करने के लिए तगादा शुरू कर दिया। इधर, पति-पत्नी के बीच कर्ज नहीं चुकाने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। नतीजतन एक दिन मुक्ति पाने के लिए दोनों ने एक ही रूम में पंखे से लटक कर जान दे दी। इस घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने भी माना कि कर्ज में डूबे होने के कारण दंपती ने खुदकशी कर ली।
राहुल संपन्न घर के माहौल में गुजर बसर कर रहा था, वह अपने बचपन के पड़ाव से धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा था। अचानक एक दिन उसके पिता की मौत हो गई। इस सदमे से वह किसी तरह उबरा। छाटा-मोटा कामकर मां और तीन छोटे भाई-बहनों का भरण पोषण करने लगा। इसी क्रम में प्रेम का अंकुर फूटा और शेफाली से वह प्रेम करने लगा। धीरे-धीरे प्यार परवान पर चढ़ने के साथ ही दोनों ने एक सूत्र में बंधने का निर्णय लिया।
छह महीने पहले ही दोनों ने शादी की थी। शादी के बाद स्वरोजगार के लिए बैंक से ऋण लिए थे। बैंक के इस पैसे से उसने मिठाई की दुकान खोली लेकिन काम ठीक से नहीं चल पाने के कारण वह ससमय ऋण चुकता नहीं कर पा रहा था। इसे लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर कशमकश की दीवार खड़ी हो जाती। यही नहीं दोनों के विवाद की दीवार को आस पड़ोस के लोग तोड़ते थे। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। इसे लेकर दोनों तनावग्रस्त रहने लगे। साथ ही दोनों के बीच नफरत की खाई पैदा होने लगी।
इसी दौरान बैंक ने भी कर्ज की रकम अदा करने के लिए तगादा शुरू कर दिया। इधर, पति-पत्नी के बीच कर्ज नहीं चुकाने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था। नतीजतन एक दिन मुक्ति पाने के लिए दोनों ने एक ही रूम में पंखे से लटक कर जान दे दी। इस घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने भी माना कि कर्ज में डूबे होने के कारण दंपती ने खुदकशी कर ली।
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